आदर्श माध्य के 5 आवश्यक तत्व | आदर्श माध्य के आवश्यक गुणों का उल्लेख कीजिए | Adarsh Madhya Ke Gun

आदर्श माध्य के आवश्यक तत्व लिखिए | उत्तम माध्य के आवश्यक गुण (uttam madhya ke avshyak gun) | एक आदर्श माध्य की विशेषता | एक आदर्श औसत के आवश्यक तत्व क्या हैं | Requisities of an ideal average in hindi



सामान्य तौर पर माध्य को औसत भी कहा जाता है। सरल रूप में कहा जाए तो माध्य एक ऐसा सरल एवं संक्षिप्त मूल्य होता है जिसका उपयोग श्रेणी के सभी मूल्यों का प्रतिनिधित्व करने के लिए किया जाता है।





यदि हम एक आदर्श माध्य (adarsh madhya) की कल्पना करें तो हमें उस माध्य में कुछ विशेष गुणों की आवश्यकता महसूस होगी जिससे सामान्य व्यक्ति भी संतुष्ट हो सके। आइए हम ऐसे उत्तम माध्य के आवश्यक गुण (uttam madhya ke avshyak gun) क्या हैं? जानते हैं।


आदर्श माध्य के आवश्यक गुण (adarsh madhya ke avashyak gun)

एक आदर्श माध्य (adarsh madhya) में निम्न आवश्यक गुणों का होना आवश्यक है - 

1. स्पष्ट होना चाहिए -
माध्य को इस प्रकार परिभाषित किया जाना चाहिए कि प्रत्येक व्यक्ति द्वारा प्रयोग करने पर एक ही निष्कर्ष निकले। इसके लिए यह आवश्यक है कि उसे बीजगणितीय सूत्र के रूप में प्रकट किया जाये।

2. समझने में सरल -
सांख्यिकीय रीतियों का प्रयोग इसीलिए किया जाता है। ताकि जटिल एवं अस्पष्ट तथ्य सरल, स्पष्ट एवं बोधगम्य लगे, लेकिन इसके लिए यह आवश्यक है कि माध्य मूल्य ऐसा हो, जो प्रत्येक व्यक्ति की समझ में आसानी से आ सके। किसी भी व्यक्ति को उसे निकालने तथा समझने में किसी विशेष कठिनाई का सामना न करना पड़े।

3. गणना में सरल -
माध्य केवल समझने में ही सरल नहीं होना चाहिए, बल्कि गणना कार्य में भी सरल होना चाहिए। जिससे कि अधिक से अधिक मात्रा में उसका प्रयोग किया जा सके। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि अन्य गुणों की उपेक्षा कर दी जाये। क्योंकि ऐसा करने से भ्रम पैदा हो सकता है। 

4. यह सभी संख्याओं पर आधारित हो -
माध्य ऐसा होना चाहिए, जो सभी संख्याओं पर आधारित हो। यदि श्रेणी की एक भी संख्या को कम या अधिक कर दिया जाये, तो उससे माध्य प्रभावित हो सकता है। यदि ऐसा हुआ, तो माध्य आदर्श माध्य की श्रेणी में नहीं आ पायेगा। 

5. समग्र का प्रतिनिधि हो - 
माध्य वास्तव में समग्र का प्रतिनिधि होना चाहिए। समग्र की अधिक से अधिक विशेषताएँ उसमें पायी जानी चाहिए। वह ऐसा हो कि समग्र के प्रत्येक पद से उसकी अधिक निकटता प्राप्त हो।

6. बीजगणितीय व अंकगणितीय विवेचन के योग्य हो -
एक आदर्श माध्य में ऐसी गणितीय विशेषताएँ होनी चाहिए जिससे कि इसका बीजगणितीय एवं अंकगणितीय विवेचन सरलता पूर्वक किया जा सके।

7. माध्य एक निरपेक्ष संख्या हो -
एक आदर्श माध्य का यह गुण होना चाहिए कि वह एक निरपेक्ष संख्या हो। अर्थात माध्य प्रतिशत में या अन्य किसी सापेक्ष रीति से व्यक्त न किया गया हो।

8. न्यादर्श के परिवर्तन का कम से कम प्रभाव - 
एक अच्छे माध्य की एक विशेषता यह है कि यदि न्यादर्श में परिवर्तन कर दिया जाये तो माध्य पर उसका कम से कम प्रभाव पड़े। यदि न्यादर्श के परिवर्तन से माध्य में भी परिवर्तन हो जाय तो माध्य सन्तोषजनक नहीं माना जाएगा।

उम्मीद है यह अंक "एक आदर्श माध्य में क्या गुण होने चाहिए (Ek adarsh madhya me kya gun hone chahiye?)" आपके अध्ययन में अवश्य मददगार साबित होगा। इसे आप अपने दोस्तों से भी शेयर अवश्य करें।


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