बहुलक किसे कहते हैं? अर्थ व परिभाषा | बहुलक की विशेषताएँ, गुण व दोष

बहुलक से क्या आशय है? | बहुलक को समझाइए | बहुलक के गुण एवं दोष | bahulak ke gun evam dosh

किसी श्रेणी का वह पद-मूल्य, जिसकी बारम्बारता या आवृत्ति, उस श्रेणी में सबसे अधिक होती है। बहुलक या भूयिष्ठक (Mode) कहलाता है। बहुलक ऐसा पद-मान है 
जो श्रृंखला में सबसे अधिक बार दोहराया जाता है।



सांख्यिकी या गणित के अंतर्गत केंद्रीय प्रवृत्ति की माप ज्ञात करने के लिए प्रमुखतः जिन माध्यों समांतर माध्य, माध्यिकाबहुलक का प्रयोग किया जाता है। उनमें बहुलक या भूयिष्ठक का विशेष महत्व है। क्योंकि दैनिक जीवन में बहुलक (Mode) का बहुत अधिक प्रयोग किया जाता है। यह सामान्य व्यवहार में ज़्यादातर प्रयोग में लाया जाता है।

बहुलक क्या है? | भूयिष्ठक का अर्थ | Bahulak kya hai?

बहुलक यानि कि Mode शब्द फ़्रेन्च भाषा के शब्द 'La Mode' से बना है। जिसका अर्थ होता है फ़ैशन या रिवाज।सांख्यिकी की दृष्टि से देखें तो इसका अर्थ एक ऐसे पद मूल्य से है जो वितरण में सबसे अधिक बार आता है।

आइये bahulak kise kahte hain? इसे आसान भाषा में समझते हैं। यदि यह कहा जाए कि किसी कक्षा के विद्यार्थियों की आयु का बहुलक 16 वर्ष है। तब इसका अर्थ यह है कि उस कक्षा के अधिकतर विद्यार्थियों की आयु 16 वर्ष है या इसके आसपास ही है।


किसी श्रृंखला का बहुलक, वितरण के सर्वाधिक प्रचलित मानों का द्योतक होता है। जो कि श्रृंखला में सबसे अधिक बार दोहराया जाता है। इस तरह हम कह सकते हैं कि बहुलक सर्वाधिक प्रेक्षण वाला आँकड़ा मान है। केंद्रीय प्रवृत्ति की माप किसे कहते हैं? अर्थ, परिभाषा, विशेषताएँ, गुण एवं दोष जानिए।

बहुलक समंक श्रेणी का वह पद-मूल्य होता है। जिसकी बारंबारता या आवृत्ति (frequency) श्रेणी में सबसे अधिक होती है। दूसरे शब्दों में, समंक श्रेणी में जो पद-मूल्य सबसे अधिक बार आता है। उसे उस श्रेणी का बहुलक या भूयिष्ठक कहा जाता है। हम यह कह सकते हैं कि किसी बहुलक के चारों ओर उस श्रेणी के अधिकतम पद केंद्रित होते हैं।

अर्थात आसान शब्दो में हम कह सकते हैं कि,

"किसी श्रेणी का के पद का वह मूल्य, जिसकी बारम्बारता या आवृत्ति, उस श्रेणी में सबसे अधिक होती है। बहुलक या भूयिष्ठक (Mode) कहलाता है। बहुलक ऐसा पद-मान है। जो उस श्रृंखला में सबसे अधिक बार दोहराया जाता है।"


इसी तरह मज़दूरी का बहुलक, वस्तुओं की क़ीमतों का बहुलक, आकार का बहुलक, आय का बहुलक आदि ज्ञात किया जाता है। दैनिक व्यवहार में आने वाले ऐसे अनेक समंक समूह होते हैं जिनमें माध्य ज्ञात करने के लिए बहुलक का हु ज़्यादातर प्रयोग किया जाता है।

बहुलक की परिभाषा (Bahulak ki paribhasha)

बहुलक की कुछ परिभाषाएँ bahulak ki paribhashayen निम्न हैं -

बॉउले के अनुसार - 'क्रमबद्ध मूल्यों में वह पद-मूल्य  जिसमें सबसे अधिक आवृत्तियाँ होती हैं। बहुलक कहलाता है।'

क्रॉक्सटन एवं काउडेन के अनुसार - 'किसी वितरण का वह मूल्य बहुलक कहलाता है जिसके चारों ओर श्रेणी की अधिकतम इकाइयां केंद्रित होती हैं।'

कीनी तथा कीपिंग के अनुसार - 'किसी भी वितरण के अंतर्गत वह मूल्य हो समंक श्रेणी में सबसे अधिक बार आता हो, जिसकी आवृत्ति सबसे अधिक हो, बहुलक या भूयिष्ठक कहलाता है।'


उपरोक्त परिभाषाओं से यह स्पष्ट होता है कि बहुलक ऐसा पद मूल्य होता है जो श्रेणी में सबसे अधिक बार आता है। बहुलक का महत्व बाज़ार में उपभोक्ताओं की माँग के अध्ययन के लिए ज़्यादातर उपयोग में लाया जाता है। सामान्यतया भूयिष्ठक या बहुलक को Z द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।

उदाहरण के लिए यदि हम एक श्रृंखला 2, 3, 4, 7, 4, 4, 8, 4, 6, 8, 9, 3, 4, 5, 4, 10 को देखें। तो इस श्रृंखला में संख्या 4 को बहुलक कहेंगे। क्योंकि यह इस श्रृंखला में सबसे अधिक बार दोहरायी गयी है।

आइये अब इस श्रृंखला को देखते हैं- 

चर :          10  20  30  40  50 
बारंबारता :    3   8    14   9    6

इस श्रृंखला में आप देखेंगे कि यहाँ अधिकतम बारंबारता 14 है। अतः बहुलक का मान 30 होगा। 


बहुलक की विशेषताएँ (Bahulak ki visheshtayen)

बहुलक की प्रमुख विशेषताएँ bahulak ki pramukh visheshtayen निम्नलिखित हैं -

(1) बहुलक पर श्रेणी के उच्चतम एवं निम्नतम मूल्यों का बहुत प्रभाव पड़ता है।
(2) बहुलक मूल्य सर्वाधिक घनत्व का बिंदु होता है।
(3) वास्तविक बहुलक का निर्धारण कठिन है।
(4) बहुलक का बीजगणितीय विवेचन सम्भव नहीं है।



बहुलक के गुण (Merits of mode in hindi)

बहुलक के प्रमुख गुण bahulak ke gun निम्नलिखित हैं-

(1) बहुलक को समझना या ज्ञात करना या गणना करना बहुत आसान होता है। सामान्यतया जब भी हम औसत आकार या औसत माप की बात करते हैं तो उसका तात्पर्य बहुलक से ही होता है।
(2) बहुलक का व्यवहारिक उपयोग होता है। इससे समाज के फ़ैशन व रुचि का ज्ञान होता है। इसे बिंदु या रेखाचित्र बनाकर भी ज्ञात किया जा सकता है।
(3) बहुलक श्रेणी का सर्वोत्तम प्रतिनिधित्व करने वाला मूल्य कहलाता है।
(4) बहुलक पर सीमान्त पदों या श्रेणी के चरम पद-मूल्यों का प्रभाव नहीं पड़ता है।



बहुलक के दोष (Demerits of mode in hindi)

बहुलक के प्रमुख दोष bahualak ke dosh निम्नलिखित हैं -

(1) बहुलक कभी कभी अनिश्चित होता है। अर्थात यह एक अनिश्चित व अस्पष्ट माध्य है। यदि पदों की आवृत्तियाँ न दिखाई दें तो इसे ज्ञात करना कठिन हो जाता है।
(2) कभी-कभी पदमाला में एक से अधिक पद अधिकतम बार आये हों तो ऐसी परिस्थिति में बहुलक ज्ञात करना कठिन हो जाता है।
(3) इससे बीजगणितीय विवेचन संभव नहीं है। क्योंकि यह सभी पदों पर आधारित नहीं होता है।
(4) समंकमाला में मूल्यों की संख्या से बहुलक को गुणा करके शुद्ध योग ज्ञात नहीं किया जा सकता है। जैसा कि अंकगणितीय माध्य में होता है।

उम्मीद है आपको यह अंक "बहुलक का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएँ, गुण एवं दोष | Mode meaning in hindi statistics" आपके अध्ययन में अवश्य ही सहायक साबित हुआ होगा। आप अपनी प्रतिक्रिया या कोई सुझाव कमेंट्स बॉक्स में दे सकते हैं।

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