हम आज के इस अंक में एक ऐसी समस्या पर चर्चा कर रहे हैं जो कि अधिकतर लोगों के साथ होती है। या यूँ समझिए कि आज के बदलते परिवेश में, उपयुक्त शिक्षा, किसी विशेष समय में किन्हीं विशिष्ट नौकरियों की संभावनाओं-असम्भावनाओं के बीच होने वाली कश्मकश के बीच एक बहुत ही बड़ी समस्या यह होती है कि बच्चे किस विषय का चयन करें? कौन सा विषय कैरियर के लिए ठीक होगा? कौन सा विषय बच्चे के लिए ज़्यादा बेहतर होगा। बच्चे की रुचि किस ओर है इत्यादि इत्यादि।
आजकल के नवीन सामाजिक एवं आर्थिक परिवेश को देखें तो पाएंगे कि आज परंपरागत विषयों के अलावा कई नए सब्जेक्ट भी यूनिवर्सिटी में जुड़ चुके हैं। विशेष बात यह है कि इन नए-नए विषयों में भी विद्यार्थियों के लिए पर्याप्त स्कोप मौजूद हैं। शायद इन विषयों की प्रचुरता के चलते छात्र विषय का चयन करने में मुश्क़िल में पड़ जाते हैं। अगर शिक्षा किसी दूसरे देश में जाकर हासिल करनी है तो यह विषय और भी पेचीदा हो जाता है।
"अक़्सर देखने में आता है कि अधिकतर विद्यार्थी वर्तमान की जॉब परिस्थितियों को ही ध्यान में रखते हुए उसी विषय को चुन लेते हैं। जिस विषय की वर्तमान में जॉब प्लेसमेंट ज़्यादा है। लेकिन अपनी शिक्षा पूर्ण करने बाद जब वे जॉब की तलाश में निकलते हैं तब तक परिस्थितियाँ पूरी तरह बदल चुकी होती हैं। उनके विषय से जुड़ी फ़ील्ड में स्कोप पहले जैसा नहीं रह जाता है। अत: चयन उसी विषय करें जिसमें आगे लंबे समय तक नौकरियों की संभावना व अवसर बने रहें।"
शिक्षा प्राप्त करने के लिए कई बार विषय का चयन करते समय गड़बड़ियाँ हो जाया करती हैं। ऐसे में यह ज़रूरी है कि जब भी आप विषय का चयन करें। उसे अपने केरियर के लिहाज से ही चुनें। निश्चित रूप से यही चुना गया सब्जेक्ट भविष्य में रोज़गार की संभावनाओं को बढ़ाने में मदद करता है। साथ ही अपने मन से आप अपने कौशल और अभिनय कौशल को दिखा पाते हैं।
कभी भी विषय के चयन के दौरान इस बात को सदैव प्राथमिकता दें कि वह विषय आपके लिए कितना सफल होगा? आइये हम आपको कुछ टिप्स देते हैं जिससे कि आपको अपनी अभिरुची के अनुसार विषय को चुनने में कुछ आसानी होगी।
(1) विषय के चयन में अपनी दिलचस्पी का ध्यान ज़रूर रखें -
जब तक आप किसी विषय में विशेष रुचि नहीं रखते हैं। तब तक किसी भी विषय का चयन करने की जल्दी न करें और ना हि किसी की देखा सीखी उस सब्जेक्ट का चयन करें। हम आपको बता दें कि कोई भी ऐसी चीज़ अथवा कार्य जिसमें आपका मन नहीं लग रहा हो। वह लंबे समय तक कारगर कभी नहीं हो सकता। इसीलिए कोशिश करें कि ऐसा विषय चुनें जिसमें आपकी दिलचस्पी हो।
(2) ऐसा विषय चुनें जिसका भविष्य में स्कोप अच्छा हो -
वैसे तो पूरी दुनिया में तर-तरह के विषय मौजूद हैं। लेकिन कुछ ऐसे हैं, जिनमें अन्य विषयों की तुलना में अपार संभावनाएं होती हैं। विषय को चुनने के दौरान इस बात का आंकलन ज़रूर लें कि वह विषय आपकी सीमाओं में है अथवा नहीं। किसी भी विषय का चयन करने से पूर्व यह भी नापतोल कर देख लें कि इसमें आने वाले समय में स्कोप कितना है? जॉब आसानी से मिल सकती है अथवा नहीं। आप जिस देश के नागरिक हैं, वहाँ इस विषय को लेकर माहौल कैसा है। विषय का चयन करने से पहले इस बात पर भी विचार कर लेना चाहिए कि यहाँ इसका स्कोप है कि नहीं।
विदेश से पढाई करके आने के बाद यहाँ इस फील्ड में नया सीखने और काम करने के अवसर मिलेंगे भी या नहीं। देश की जो भी कंपनियां या संस्थान हैं यहाँ जॉब करने पर आपको पर्याप्त धन मिलेगा? यह पहलू भी विषय निर्धारित करने में अहम होने चाहिए ताकि आगे आपको किसी भी तरह की समस्याओं का सामना न करना पड़े।
(3) कैरियर एक्सपर्ट से बात करें -
यह प्रयास करें कि आप किसी कॅरियर एक्सपर्ट से उचित सलाह ले सकें। उम्मीद है वह एक्सपर्ट भी आपको उसी विषय का चयन करने की सलाह देगा। जिसे पढने में आप फ्रेश हो जाते हैं। अर्थात जिन विषयों में आपका मन लगता है। आप उसी में बेहतर कर सकते हैं। बेमन से चुने जाने वाले विषयों में अथक प्रयासों के बाद भी शायद आप अपना संपूर्ण ध्यान केंद्रित न कर पाएं। परिणाम यह होगा कि आप इस तरह के विषयों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकेंगे और आपके लिए उस मंज़िल को पाने की संभावना कम लगने लगेगी। यह बात अच्छी तरह समझ लें कि जिस विद्यार्थी की रुचि अगर बायो केमिस्ट्री में है तो वह मैथ्स में शायद बडी उपलब्धियां हासिल न कर सके। जिसे भूगोल में रुचि हो वह जीव विज्ञान में लक्ष्य हासिल न कर पाए।
(4) विशिष्ट एवं वरिष्ठ लोगों से सलाह अवश्य लें -.
विषय के चयन पर अपने परिवार के वरिष्ठ लोगों से सलाह ज़रूर लीजिए। अपने टीचर से भी इस बारे में राय लीजिए।विषय का चयन करने से पहले विशेषज्ञों से सलाह लेना ज़्यादा बेहतर साबित होता है। आप जिस सब्जेक्ट को चुनना चाहते हैं, उस फील्ड में काम कर रहे लोगों या पढ़ा रहे अध्यापकों से उसकी बारीक़ियों और उसमें परिवर्तन के आधार पर इस समय स्कोप क्या है? आदि के बारे में जानकारी हासिल कर लें। यक़ीनन इस संबंध में विशेषज्ञों की सलाह से लिया गया निर्णय आपके लिए कभी ग़लत साबित नहीं होगा।
(5) अपनी प्रश्ठभूमि ज़रूर देख लें -
विषय चयन करने से पहले यह भी देख लें कि जिस सब्जेक्ट को आप चुन रहे हैं, उसमें आपकी पृष्ठभूमि (बैकग्राउंड) कैसी रही है। इसके पहले आप इस सब्जेक्ट मेंअच्छे अंक लाते रहें हैं या नहीं। अगर विषय में आप कभी अच्छे अंक नहीं ला पाए हैं तो इसका चयन आगे के लिए मुश्किलों भरा हो सकता है। वहीं अगर हमेशा इस सब्जेक्ट में आपके अच्छे अंक आए हैं तो निश्चित तौर पर आप इसका चुनाव कर सकते हैं। किसी भी दशा में आपके लिए ग़लत साबित नहीं होगा। किसी भी विषय की सामान्य जानकारी होने से उसमें और आगे नई चीज़ें सीखना आसान ही होता है।
(6) अध्ययन हेतु शिक्षा संस्थानों की संभावना अवश्य तलाशें -
एक तरीका यह भी हो सकता है कि पहले अध्ययन के लिए संस्थानों की उपलब्धता भलीभाँति देख परख लें फ़िर उनके अनुसार उन विषयों को पढ़ने के लिए चुनें। ऐसे विषय का चयन करें जिसमें विभिन्न संभावनाएं दिखाई दे रही हों।सब्जेक्ट का चुनाव करते समय उसकी करियर संभावनाओं की तलाश करें। संबंधित विषयों की किताबों का भी पता लगाएं कि इन विषयों में किन लेखकों की पुस्तकें सबसे ज्यादा प्रचलित हैं। कुछ पुरानी किताबों पर भी नज़र डालें। विषय को चुनते समय उसके पढ़ाने वाले संस्थानों की पुख़्ता जानकारियाँ एकत्र करें। संस्थान का चयन करते समय यह ध्यान रखें कि संस्थान की फ़ेकल्टी कैसी है।
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(7) विदेशी शिक्षा के लिए विषय का चयन देश के आधार पर करें -
स्टडी एब्रॉड (विदेशी शिक्षा) की चाह रखने वाले युवाओं को अपने लिए विषय का चयन पहले करना चाहिए। बाद में उसी के आधार पर उस देश का चयन करना करना चाहिए जहाँ पर उसे उस विषय से सम्बंधित शिक्षा सुविधाएँ अच्छी प्राप्त हो सकें। विभिन्न विषयों के आधार पर कई प्रमुख स्टडी एब्रॉड केंद्र अपनी उल्लेखनीय पहचान बना चुके हैं। उदाहरण के तौर पर अगर आप ने अपने लिए मेडिकल से जुडे विषय का चयन किया है तो आपको रूस, यूके, फ्रांस आदि देशों को चुनना चाहिए वहीं अगर आपने अपना विषय इलेक्ट्रानिक्स चुना है तो जापान, चीन आदि ही श्रेष्ठ विकल्प माने जाएँगे।
(8) रिसर्च की संभावना क्या है देखें -
आज का ज़माना रिसर्च का है। अधिकतर विद्यार्थी उन्हीं विषयों का चयन कर रहे हैं जिनमें पर्याप्त शोध की उम्मीदें भविष्य में बनी रहती हैं। विदेशों में जाकर जो लोग शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं वे इस बात का ध्यान हमेशा रखें और उन्हीं विषयों का चयन भी करें जिसमें उनके लिए कुछ नया करने की संभावना हर समय, ख़ासकर भविष्य में बनी रहे।
निष्कर्ष (Conclusion) -
कोई भी विषय चुनने से पहले यह जान लें कि क्या वाकई में उस विषय में आपकी रूचि है या फिर आप सिर्फ इसलिए यह विषय ले रहे हैं, क्योंकि आपके दोस्तों ने भी यह सब्जेक्ट लिया है। जी हाँ हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि समाज में ज़्यादातर मामले ऐसे ही होते हैं। माता पिता अपने बच्चों को कोई विषय, कोई स्कूल, कोई कॉलेज या कोई शहर सिर्फ़ इसीलिये चयनित कर लेते हैं क्योंकि उन्हें पड़ोस, रिश्तेदारों, ऑफिस वालों के सामने शेख़ी बघारने का एक मौका मिले। अपने बच्चों पर किसी लक्ष्य को सिर्फ़ इसिलिए थोप दिया जाता है क्योंकि किसी का बच्चा उस लक्ष्य को पाना चाहता है।
जबकि ये भी तो हो सकता है कि आपके पास वो क्वालिटी हो जो दूसरों के पास न हो। हो सकता है आपको अपनी मनपसंद फील्ड का चुनाव करने के बाद, लाजवाब ऊँचाइयां मिले। जो आपके आसपास किसी ने सोचा भी ना हो। वैसे भी आजकल सिर्फ़ पढ़ाई के ही क्षेत्र में नहीं, बल्कि खेल, गायकी, नृत्य, पेंटिंग, फ़िल्म मेकिंग, एक्टिंग और न जाने ऐसे अनेक विधाओं में लोग अपना नाम रोशन कर रहे हैं। जो अपार धन के साथ बड़ा नाम भी कमा रहे हैं।
उम्मीद है आपको हमारा आज का यह अंक "10th या 12th के बाद विषय का चयन कैसे करें? | How to choose the subject after 10th or 12th?" आपके इस चुनाव की घड़ी में अवश्य ही सहायक साबित होगा। आप सभी विद्यार्थियों से यही आशा करते हैं कि पहले आप ख़ुद को, ख़ुद की दिलचस्पी को, ख़ुद की क्वालिटी को पहचानें। फ़िर उसके अनुरूप ही किसी क्षेत्र को चयनित करने का प्रयास करें। हौसलों से ही मंज़िलें मिलती हैं। अगर आपके पास ख़ुद को पहचानने की शक्ति है, हौसला है तो आपको कोई भी आगे जाने से नहीं रोक सकता।
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