सारणी के मुख्य अंगों को संक्षिप्त में समझाइए | सारणी के मुख्य अंगों के नाम | एक आदर्श सारणी के मुख्य अंग क्या हैं?
सारणी या तालिका के उद्देश्य आंकड़ों (समंकों) की प्रस्तुति को सरल बनाना एवं तुलना के लिए सहायता प्रदान करना है। अर्थात 'सारणी या तालिका, आंकड़ों को प्रस्तुत करने वाली वह पद्धति है जो कि आंकड़ों की पंक्तियों (rows) एवं स्तंभों (columns) में क्रमानुसार व्यवस्था करती है।
एक सामान्य सारणी, आदर्श सारणी तभी बन पाती है जब सारणी के प्रत्येक अंग को इस तरह व्यवस्थित किया जाए कि सारणी का अध्ययन करने वालों को सारणी के समस्त व्यवहार का स्वयमेव ही पता चलता हो। आइए हम इस अंक में सारणी की रचना के अन्तर्गत सारणी के प्रमुख भागों (sarni ke pramukh bhag) के बारे में जानते हैं।
सारणी के मुख्य भाग (Main parts of a table in hindi)
एक आदर्श सांख्यिकी तालिका/सारणी के निम्नलिखित भाग होने चाहिए -
1. शीर्षक (Title) - सबसे पहले सारणी के ऊपर उनकी संख्या दी जाती है। तथा उसके नीचे सारणी का शीर्षक दिया जाता है। जिससे यह स्पष्ट हो सके कि दिए गए आंकड़े किस संबंध में हैं, आंकड़ों की अवधि क्या है तथा इन्हें किन राशियों में व्यक्त किया गया है? उदाहरण के लिए यदि सारणी में भारत का व्यापार 2011 से 2021 तक का निर्यात करोड़ रुपए में दिखाया गया है। तो सारणी का शीर्षक होगा, 'भारत का निर्यात व्यापार' 2011-21 (करोड़ रुपए में)।
प्रत्येक सारणी का नाम संक्षिप्त एवं सुव्यवस्थित भाषा में रखा जाना चाहिए। विशेषकर यह नाम (title) आंकड़ों के अनुसार होना चाहिए। जिससे आंकड़ों का संकलन, स्रोत, उनकी उपयोगिता, वर्गीकृत श्रेणी, आंकड़ों के रूप आदि के बारे में जानना आसान हो।
2. उपशीर्षक (Captions) - एक सारणी में अनेक उपशीर्षक हो सकते हैं। इन्हें स्तंभों या पंक्तियों की क्रमशः खड़ी या आड़ी रेखा से विभाजित कर लिया जाता है।
प्रत्येक स्तंभ (column) एवं पंक्ति (Row) का शीर्षक (Caption) अवश्य होना चाहिए, जो कि आंकड़ों का स्पष्टीकरण करता हो। जिसके द्वारा निष्कर्ष निकालने में कुछ तथ्य न छूट सके। दूसरे शब्दों में, स्तंभों में सम्मिलित समस्त आंकड़ों के संदर्भ में इसे समझा सके।
3. अनुशीर्षक (stubs) - सारणी के प्रत्येक पंक्ति में जो भी विवरण होता है। उसके बायीं ओर उसका शीर्षक लिखा जाता है। प्रत्येक पंक्ति में पदों का उल्लेख किया होता है। उदाहरण के लिए यदि हमें दसवीं पंचवर्षीय योजना में विभिन्न वस्तुओं के उत्पादन का लक्ष्य देना हो। तो प्रत्येक पंक्ति में वस्तुओं का उल्लेख होगा जैसे - खाद्यान्न, कोयला, सीमेंट, बिजली इत्यादि।
4. सारणी का क्रमांक (Numbering the table) - सारणी की सरल पहचान के लिए उन्हें क्रम संख्या दी जाती है। यह क्रम संख्या नाम के साथ ऊपर दे दी जाती है या फ़िर आंकड़ों के स्रोत के संक्षिप्त विवरण के साथ सबसे नीचे दे दी जाती है।
5. सारणी का मुख्य भाग (Main body of the table) - सारणी या तालिका का आकार तैयार कर उसमें आंकड़े लिखे जाते हैं। यह सारणी का मुख्य भाग/अंग होता है। सारणी का आकार इतना बड़ा होना चाहिए कि उसमें सभी आवश्यक तथ्यों का समावेश हो सके।
6. आंकड़ों का स्रोत (Source of data) - आंकड़ों के स्रोत को सारणी के नीचे अवश्य लिखना चाहिए। जिससे इसका उपयोग एवं महत्व समझा जा सके।
7. पाद टिप्पणी (footnote) - सारणी के साथ टिप्पणी आवश्यक होनी चाहिए। जिसमें सारणी को विस्तृत रूप से समझाया गया हो। वर्गीकरण के लिए भी सारणी की टिप्पणी उपयोगी होती है। जब सारणी में दी गई किसी बात को और अच्छी तरह से स्पष्ट करना होता है तो उसे फुटनोट (footnote) के रूप में लिखा जाता है।
8. रेखांकन एवं स्थान छोड़ना (Ruling and spacing) - रेखांकन एवं स्थान छोड़ना भी सारणी का प्रमुख अंग है। उचित स्थान छोड़ने से और उचित रेखांकन करने से सारणी अधिक आकर्षक एवं प्रभावशाली हो जाती है। आंकड़ों को प्रविष्ट करने से पहले रेखाओं से सारणी का एक ढांचा तैयार कर लेना चाहिए, ताकि आवश्यकतानुसार सुधार किया जा सके।
इस प्रकार एक आदर्श सारणी जो स्वयं समझने वाली, सुसंगठित, सफ़ाई से तैयार की गई एवं आकर्षक होनी चाहिए। ताकि वह संकलन करने वालों, उपयोग करने वालों एवं उसे द्वितीयक समंक के रूप में उपयोग करने वाले समस्त व्यक्तियों के लिए उपयोगी हो।
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