प्रशुल्क का क्या अर्थ है | Tarrif ka kya arth hai? | प्रशुल्क क्यों लगाए जाते हैं | tarrif rate kyon lagaya jata hai?
प्रशुल्क एक निर्दिष्ट राशि (fees/charge) होती है जो किसी सेवा, वस्तु या कार्य के लिए भुगतान के रूप में वसूल की जाती है। यह राशि सामान्यतः उत्पाद, सेवा या वित्तीय लेनदेन के माध्यम से वसूली जाती है और यह व्यवसायों, सरकारी संगठनों और अन्य संगठनों द्वारा लागू की जाती है।
प्रशुल्क या टेरिफ़, अंतरराष्ट्रीय व्यापार में लगाए जाने वाला एक ऐसा कर है जो किसी भी देश द्वारा घरेलू उद्योगों अथवा उत्पादों के संरक्षण के लिए लगाया जाता है। अर्थात विदेशी वस्तुओं के आयात पर लगायी जाने वाली ड्यूटी को प्रशुल्क (tarrif) कहा जाता है।
प्रशुल्क एक प्रकार का वित्तीय या आर्थिक मूल्य होता है जो व्यापार, विपणन या सेवा प्रदान करने के लिए दिया जाता है। यह धनराशि, मूल्य या मुद्रा के रूप में भी हो सकता है। प्रशुल्क का उपयोग प्रमुखतः व्यापार, विपणन, वित्त, सरकारी कर नीति, और वित्तीय व्यवस्था में किया जाता है।
यह उत्पादों और सेवाओं की मूल्यांकन, निर्धारण, और भुगतान की प्रक्रिया को संचालित करने में मदद करता है। व्यापार और वित्तीय लेन-देन में, प्रशुल्क एक महत्वपूर्ण मापक होता है जो उत्पन्न की जाने वाली मानदंडों और नियमों के आधार पर तय किया जाता है।
प्रशुल्क क्यों लगाए जाते हैं (Prashulk Kyon Lagaye Jate Hain?)
प्रशुल्क घरेलू वस्तुओं की तुलना में आयातित वस्तुओं को महंगा बनाने के लिए लगाए जाते हैं। इससे घरेलू वस्तुओं की माँग बढ़ जाती है। तथा विदेशी वस्तुओं की माँग कम हो जाती है। प्रशुल्क घरेलू उद्योगों के संरक्षण के उद्देश्य से लगाए जाते हैं।
देश के अंदर प्रशुल्क अन्य कारणों से भी लगाए जा सकते हैं। चलिए हम यहां प्रशुल्क लगाए जाने के मुख्य कारण (prashulk lagaye jane ke mukhya karan) क्या हैं, जानते हैं -
सेवाओं का मूल्यांकन -
कई सेवाएं जैसे वित्तीय सलाह, वकीली सेवाएं, डॉक्टरी सेवाएं, शिक्षा सेवाएं आदि प्रदान की जाती हैं। ये सेवाएं एक मूल्यांकन के माध्यम से प्रदान की जाती हैं और उनके लिए प्रशुल्क लिया जाता है।
उत्पादों की वितरण और परिवहन -
उत्पादों को उचित स्थान पर पहुंचाने और उन्हें ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए व्यापारियों द्वारा शिपिंग और लॉजिस्टिक्स सेवाओं का उपयोग किया जाता है। इन सेवाओं के लिए भी प्रशुल्क लिया जाता है।
वित्तीय संबंधित लेनदेन -
बैंकों और वित्तीय संस्थाओं द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं जैसे कि चेक बुक, लोन, बैंक खाता आदि के लिए भी प्रशुल्क लिया जाता है।
अन्य सरकारी सेवाएं -
कई सरकारी सेवाएं जैसे पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, जन्म प्रमाणपत्र आदि के लिए भी आवेदकों से एक निश्चित राशि के रूप में प्रशुल्क लिया जाता है।
प्रशुल्क के उद्देश्य भिन्न भिन्न हो सकते हैं। उदाहरण के लिए- सेवा प्रदाताओं से उचित मूल्य वसूलने के लिए, उत्पादों के वितरण और परिवहन को कवर करने के लिए, सरकारी सेवाओं की व्यवस्था के लिए खर्च करने के लिए और वित्तीय संस्थाओं को लाभ कमाने में मदद करने के लिए। इस तरह प्रशुल्क भिन्न भिन्न उद्देश्यों के लिए तय किए जा सकते हैं।
Tags
अर्थशास्त्र