प्रश्न पत्र हल करने का सही तरीक़ा, पेपर हल करने का सही तरीक़ा, पेपर को हल करने का तरीक़ा, उत्तर पुस्तिका में लिखने का तरीक़ा, Paper hal karne ka tarika batayen, Pariksha me paper ke uttar kaise likhte hain?
परीक्षा से पहले कोई भी विद्यार्थी चाहे जितनी भी तैयारी कर लें लेकिन अगर वो परीक्षा (exam) के दिन अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब नहीं होता है। तो उसकी सारी मेहनत व्यर्थ हो जाती है। दरअसल विद्यार्थी जब भी परीक्षा हॉल में बैठता है हर बार वह ख़ुद को नर्वस महसूस करता है। जिस कारण उसका आत्मविश्वास डगमगाने लगता है।
कई बार परीक्षा का दबाव इतना ज़्यादा होता है कि कुछ विद्यार्थी खाना पीना छोड़कर बीमार पड़ने लगते हैं। तो वहीं कुछ विद्यार्थी याद की हुई चीज़ों को भी परीक्षा के डर से भूलने लगते हैं। सच तो यह है कि परीक्षा के समय चिंता और बेचैनी के भाव आना काफ़ी हद तक स्वाभाविक है, फ़िर भी विद्यार्थी परीक्षा हॉल में पेपर हल करने के दौरान कुछ आसान टिप्स अपनाकर स्थिति को थोड़ा सहज ज़रूर बना सकते हैं।
दरअसल "परीक्षा" छात्रों के ज्ञान और क्षमता की जाँच करने के लिए ही आयोजित की जाती है। इसलिए परीक्षा में प्रश्न पत्र को सही तरीक़े से हल करना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि यह आपकी मेहनत, ज्ञान और समझ को प्रदर्शित करने के लिए सही अवसर प्रदान करती है। सही रणनीति अपनाकर और उत्तर पुस्तिका को प्रभावशाली तरीक़े से प्रस्तुत करके आप उच्च अंक प्राप्त कर सकते हैं। इस लेख में हम परीक्षा में कैसे लिखना चाहिए (Pariksha me kaise likhna chahiye?) पर विस्तार से चर्चा करने वाले हैं।
बोर्ड परीक्षा में प्रश्न पत्र हल करने का तरीक़ा (Board Exam me prashn patra hal karne ka tarika)
बोर्ड परीक्षा में पेपर हल करने का सही तरीक़ा
अपनाकर आप बेहतर अंक प्राप्त कर सकते हैं। यहां कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए जा रहे हैं।
1. प्रश्न पत्र पढ़कर अच्छी तरह समझें -
परीक्षा में प्रश्नपत्र पढ़ना सबसे पहला और महत्वपूर्ण कार्य होता है। कई विद्यार्थी प्रश्नपत्र हाथ में आते ही, प्रश्नों को ठीक से पढ़कर समझे बिना ही उत्तर लिखना शुरू कर देते हैं, जिससे ग़लतियाँ होने की संभावना बढ़ जाती है।
इसलिए सभी प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़ें और यह समझें कि प्रत्येक प्रश्न का उत्तर कैसे और कितने शब्दों में लिखना है। दिए गए प्रश्नपत्र में सर्वप्रथम आसान और कठिन प्रश्नों को अच्छी तरह पहचान लें।
2. समय प्रबंधन का महत्व -
परीक्षा में सफलता के लिए समय प्रबंधन (time management) अत्यंत आवश्यक है। यदि आप अपने समय को सही तरीक़े से विभाजित करेंगे तो आप पूरे प्रश्न पत्र को समय पर हल कर पाएंगे।
प्रश्न पत्र पढ़ने में कम से कम 10-15 मिनट का समय अवश्य दें। सबसे पहले प्रश्नों को ध्यान से पढ़कर आसान और कठिन प्रश्नों की पहचान करें। फ़िर प्रश्न पत्र में दिए गए कुल समय को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक प्रश्न के लिए समय निर्धारित करें।
सरल और कम अंक वाले प्रश्नों को सबसे पहले हल करें। कठिन प्रश्नों के लिए अधिक समय रखें। ध्यान रहे, रिवीज़न के लिए आख़िर में 10-15 मिनट अवश्य बचाएं।
3. प्रश्नों का चयन और प्राथमिकता -
सभी प्रश्नों को पढ़ने के बाद सही प्रश्नों का चयन और उनकी प्राथमिकता तय करना अत्यंत आवश्यक है। अधिकतर विद्यार्थी, प्रश्नों को उसी क्रम से हल करना शुरू कर देते हैं जिस क्रम से प्रश्नपत्र में प्रश्न दिए गए हैं। भले ही उनसे बीच के प्रश्न सबसे अच्छे बन रहे हों, लेकिन वो शुरू के प्रश्नों के उत्तर से ही अपनी उत्तर पुस्तिका की शुरुआत करते हैं।
ध्यान रखें, सबसे पहले उन्हीं प्रश्नों को हल करें जिनमें आप पूरी तरह से निपुण हैं। जिन्हें आप पूरी तरह समझते हैं, उन्हीं प्रश्नों के उत्तर पहले लिखने में ही समझदारी है। कठिन प्रश्नों को अंत में हल करें। कठिन प्रश्नों को बाद में हल करें ताकि समय की कमी होने पर भी आपके अंकों पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े। और हां, प्रश्न का क्रमांक वही लिखें जो प्रश्नपत्र में दिया गया है।
इसका दूसरा पहलू यह भी है कि यदि जांचकर्ता की नज़र आपके ग़लत उत्तरों पर सबसे पहले पड़ती है तो बाद के बेहतरीन उत्तरों से भी उस पर उतना अच्छा प्रभाव नहीं पड़ पाता है जितना पड़ना चाहिए। ठीक वैसे ही जैसे, किसी इंटरव्यू में आपकी ख़राब शुरुआत से आपके इंटरव्यू पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
4. मानसिक तैयारी और आत्मविश्वास -
एक विशेष बात का ज़रूर ध्यान रखें कि परीक्षा के दिन शांत और आत्मविश्वासी बने रहें। जितना हो सके नकारात्मक विचारों से बचें और अपनी तैयारी पर पूरा भरोसा रखें। अनावश्यक रूप से हड़बड़ाएं नहीं।
प्रश्नपत्र हल करते समय अनावश्यक तनाव न लें। बल्कि तनाव मुक्त रहकर, नई उमंग और पूर्ण आत्मविश्वास के साथ प्रश्नपत्र हल करें। परीक्षा में यदि आप सकारात्मक सोच के साथ प्रश्नों के उत्तर लिखेंगे तो निश्चित रूप से आपके उत्तरों में आपकी तैयारी की झलक स्पष्ट रूप से दिखाई देगी।
5. प्रश्नों को समझकर उत्तर देना -
हर प्रश्न के निर्देशों को ध्यान से पढ़ें। यदि प्रश्न में “विस्तार से समझाइए”, “संक्षेप में बताइए” या “उदाहरण सहित स्पष्ट करें” लिखा हो, तो उसी अनुरूप उत्तर दें। शब्द सीमा का ध्यान रखें।
6. उत्तर लिखने का सही तरीक़ा -
उत्तर लिखने की विधि जितनी व्यवस्थित होगी, परीक्षक को आपके उत्तर समझने में उतनी ही आसानी होगी। इसलिए उत्तर की शुरुआत विषय की संक्षिप्त प्रस्तावना से करें। विषय को परिभाषित करें या प्रश्न का सार बताएं। फ़िर उत्तर के मुख्य बिंदुओं को क्रमबद्ध और स्पष्ट रूप से लिखें। जहां आवश्यक हो, बुलेट पॉइंट्स या नंबरिंग का प्रयोग करें। उत्तर को उदाहरणों, तथ्यों और तर्कों के साथ प्रस्तुत करें। अंत में उत्तर का सारांश या निष्कर्ष लिखकर समाप्त करें।
7. लेखन शैली और भाषा का प्रयोग -
आपके द्वारा दिए जा रहे उत्तरों की भाषा सरल, स्पष्ट और प्रभावी होनी चाहिए। उत्तर साफ-सुथरे और सुंदर लिखावट में होने चाहिए। जितना संभव हो, व्याकरण की अशुद्धियों से बचें। कठिन शब्दों के प्रयोग से बचते हुए विषय को स्पष्ट रूप से समझाने का प्रयास करें। जहाँ आवश्यक हो, तकनीकी शब्दों का प्रयोग करें। महत्वपूर्ण बिंदुओं को आवश्यकतानुसार अंडरलाइन करें।
जहां आवश्यक हो आरेख, चित्र, चार्ट या टेबल का प्रयोग विशेष तौर पर करें। और हां, प्रश्न संख्या अथवा उत्तर संख्या स्पष्ट रूप से लिखें। उत्तर के बीच में बहुत अधिक कटाई-छँटाई से बचें। हर उत्तर के बीच में पर्याप्त गैप ज़रूर रखें ताकि जांचकर्ता को आपके प्रश्नों के उत्तर स्पष्ट तौर पर दिखाई दें।
8. परीक्षा हाल में पूरा समय लें -
परीक्षा में अंतिम समय तक इत्मीनान से उत्तर दें, जाने की जल्दी कतई न करें। कभी कभी कुछ प्रश्नों के उत्तर, परीक्षा कक्ष छोड़ने के अंतिम समय में ध्यान आते हैं।
9. नियम और निर्देशों का पालन करें -
प्रश्न पत्र के निर्देशों को ध्यानपूर्वक पढ़ें। उत्तर पुस्तिका में आवश्यक जानकारी (रोल नंबर, विषय कोड) सही सही और सावधानी पूर्वक भरें। उत्तर पुस्तिका में आवश्यक विवरण जैसे रोल नंबर, विषय कोड आदि को सही ढंग से भरें।
10. अंत में रिवीजन (Revision) ज़रूर करें -
परीक्षा में संपूर्ण पेपर हल करने के बाद अंत में 5-10 मिनट रिवीज़न के लिए ज़रूर रखें। उत्तरों की संक्षिप्त जांच करें और यदि कोई प्रश्न छूट गया हो तो उसे पूरा करें।
उत्तर पुस्तिका में पूर्णता और रिवीजन का महत्त्व
उत्तर लिखने के बाद, उत्तर पुस्तिका को दोबारा अवश्य पढ़ें। देखें कि सभी प्रश्न हल किए गए हैं या नहीं।
व्याकरण और वर्तनी की ग़लतियों को ठीक करें।
अधूरे उत्तरों को पूरा करने का प्रयास करें।
निष्कर्ष (Conclusion)
उपरोक्त सुझावों का पालन करने से आप निश्चित तौर पर सही रणनीति अपनाकर और नियमित अभ्यास से बोर्ड परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। इस अंक में बोर्ड की परीक्षा में प्रश्न पत्र हल करने का सही तरीक़ा अपनाकर आप न केवल अपने ज्ञान को प्रभावी ढंग से प्रदर्शित कर सकते हैं, बल्कि उत्कृष्ट परिणाम भी प्राप्त कर सकते हैं।
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