पूंजी और श्रम में अंतर बताइए | Punji aur Shram me antar hindi me
आपने हमारे पिछले अंक में महत्वपूर्ण टॉपिक्स "पूंजी का अर्थ, परिभाषा व विशेषताएं" ज़रूर पढ़ी होगी।
पूंजी का अर्थ, ऐसे मानव निर्मित संसाधन से है, जिसका उपयोग वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन के लिए किया जाता है।
इसी तरह हमारे एक और टॉपिक्स के अंतर्गत "श्रम का अर्थ, परिभाषा एवं विशेषताएं" भी ज़रूर पढ़ी होंगी।
श्रम का अर्थ, मनुष्य द्वारा किए गए उन शारीरिक, मानसिक कार्यों से होता है, जो धन प्राप्ति के लिए किए जाते हैं।
मार्शल के अनुसार, "श्रम से हमारा आशय उस मानवीय मानसिक तथा शारीरिक प्रयास से है जो अंशतः या पूर्णतः या कार्य से प्रत्यक्ष प्राप्त होने वाले आनन्द के अतिरिक्त किसी लाभ की प्राप्ति के लिए किया जाता है।
आइए इस अंक में हम पूंजी एवं श्रम में अंतर (punji aur shram mein antar) क्या है, जानते हैं।
पूँजी तथा श्रम में अन्तर (Difference between Capital and Labour in hindi)
पूँजी एवं श्रम में अंतर (Punji evam shram me antar) निम्नलिखित होता है -
पूंजी (Capital) | श्रम (Labour) |
---|---|
1.पूँजी उत्पादन का निष्क्रिय साधन है। | श्रम उत्पादन का सक्रिय साधन है। |
2. पूँजी की पूर्ति में परिवर्तन सरलता से किया जा सकता है। | 2. श्रम की पूर्ति में परिवर्तन सरलता से नहीं किया जा सकता है। |
3. पूँजी को पूँजीपति से अलग किया जा सकता है। | 3. श्रम को श्रमिक से पृथक करना असंभव है। |
4.पूँजी में गतिशीलता अधिक होती है। | 4. श्रम में गतिशीलता अपेक्षाकृत कम होती है। |
5.पूँजी केवल साधन है। | 5. श्रम साधन तथा साध्य दोनों है। |
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