बेरोज़गारी कैसे दूर कर सकते हैं? | Berojgari kaise dur kar sakte hain?
भारत की अर्थव्यवस्था में आज सबसे बड़ी समस्या बढ़ती बेरोज़गारी है। जो कि भारत के देहातों और शहरों दोनों ही क्षेत्रों में बेतहाशा बढ़ रही है। देहाती क्षेत्रों में जहां ये बेरोज़गारी अल्प-रोज़गार, मौसमी बेरोज़गारी आदि के रूप में देखी जाती है तो वहीं शहरी क्षेत्रों में यह बेरोज़गारी (berozgari), शिक्षित एवं औद्योगिक बेरोज़गारी के रूप में देखी जाती है।
अपनी जीविका प्राप्त करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति के लिए यह आवश्यक है कि वह स्वयं को किसी आर्थिक क्रिया में लीन करे। किन्तु दुर्भाग्यवश वह बेरोज़गारी (berojgari) के थपेड़ों की मार के चलते असफल हो जाता है। इस अंक में हम बेरोज़गारी दूर करने के उपाय (berojgari dur karne ke upay) पर चर्चा करेंगे।
तो चलिये हम बिना देर किए भारत में बेरोज़गारी दूर करने के उपाय (bharat me berojgari dur karne ke upay) जान लेते हैं।
बेरोज़गारी को दूर करने के उपाय (Berojgari dur karne ke upay)
भारत में बेरोज़गारी दूर करने के लिए निम्न सुझाव दिए जा सकते हैं -
(1) जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण -
बेरोज़गारी की समस्या को दूर करने के लिए सर्वप्रथम जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण लगाना होगा। क्योंकि जनसंख्या के निरंतर बढ़ने से देश में अपेक्षाकृत काम कम मिल रहा है बल्कि श्रमिकों की तादाद में भारी वृद्धि हो रही है। अतः जनसंख्या में लगातार वृद्धि होना, बेरोज़गारी का एक प्रमुख कारण बन गया है।
(2) रोज़गार उन्मुख नियोजन -
देश में नियोजन करते समय रोज़गार सृजन को प्रमुख स्थान दिया जाना चाहिए। इस बात पर विशेष ध्यान देना चाहिए कि जो भी नीतियां रोज़गार वृद्धि में बाधक दिखाई देती हों। उन्हें तुरंत हटा देना चाहिए।
(3) विनियोग में वृद्धि -
सार्वजनिक क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर पूंजी का विनियोग करके बेरोज़गारी को दूर किया जा सकता है। इसके लिए सरकार द्वारा निजी व सार्वजनिक क्षेत्रों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। निजी क्षेत्र के उद्योगपतियों की विनियोग योजनाएं मुख्यतः श्रम प्रधान होना चाहिए। ताकि कम पूंजी लगाकर अधिक से अधिक श्रमिकों को रोज़गार दिया जा सके। इसके अलावा रोज़गार के लिए सरकार द्वारा, व्यक्तियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने का प्रयास करना चाहिए।
(4) प्रशिक्षण सुविधाएं -
अकुशल एवं अप्रशिक्षित श्रमिकों को कुशल एवं प्रशिक्षित करने हेतु जगह जगह प्रशिक्षण केंद्र खोलना चाहिए। ताकि इससे उत्पादन एवं उत्पादकता दोनों में वृद्धि करके देश में बेरोज़गारी की समस्या को दूर की जा सके।
(5) लघु एवं कुटीर उद्योगों का विकास -
ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे लघु एवं कुटीर उद्योगों का विकास किया जाना चाहिए जिसमें कम से कम पूंजी का विनियोग हो तथा अधिक से अधिक लोगों को रोज़गार प्राप्त हो सके। सरकार द्वारा लघु एवं कुटीर उद्योगों को अनेक प्रकार की सुविधाएं मुहैया कराना चाहिए ताकि उनका विकास हो सके और ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही बेरोज़गारी की समस्या को कम किया जा सके।
(6) शिक्षा पद्धति में सुधार -
देश की शिक्षा पद्धति में व्यापक परिवर्तन की आवश्यकता है। शिक्षा पद्धति सामान्य शिक्षा के बजाय, रोज़गार उन्मुख (job oriented) होनी चाहिए। ताकि छात्र किसी विशेष कार्य में दक्षता प्राप्त कर सकें। अर्थात देश में व्यावसायिक शिक्षा पद्धति लागू की जानी चाहिए। रूस, जापान, ब्रिटेन, चीन जैसे देशों में प्रचलित व्यावसायिक शिक्षा पद्धति को भारत में भी लागू कर बेरोज़गारी की समस्या कम की जा सकती है।
(7) प्राकृतिक साधनों का सर्वेक्षण -
भारत में प्राकृतिक साधनों का व्यापक सर्वेक्षण कराना चाहिए। ऐसा करने से नई नई संभावनाओं का पता चलेगा। जिससे नए नए उद्योग खूलने की संभावनाएं भी बढ़ेंगी। जिससे देश में बेरोज़गारी की समस्या को कम करने में मदद मिलेगी।
(8) श्रम की गतिशीलता में वृद्धि -
श्रम की गतिशीलता में वृद्धि का प्रयास किया जाना चाहिए। इसके लिए उन्हें शिक्षा के साथ साथ आर्थिक सहायता भी देनी चाहिए। जिससे बेकार श्रमिक भी एक स्थान से दूसरे स्थानों पर जाकर रोज़गार प्राप्त कर सके।
उम्मीद है हमारा यह अंक "बेरोज़गारी से बचने के उपाय (berojgari se bachne ke upay)" आपके अध्ययन में अवश्य ही सहायक सिद्ध होगा। अन्य टॉपिक्स के लिए जुड़े रहिये हमारी वेबसाइट studyboosting के साथ।
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अर्थशास्त्र