विनियोग से आप क्या समझते हैं | सकल विनियोग क्या होता है? | Sakal Viniyog kya hai in hindi

निवेश किसे कहते हैं? | सकल निवेश क्या होता है (Sakal nivesh kya hota hai, viniyog ke prakar)


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सामान्य तौर पर विनियोग अथवा निवेश को हम इस तरह से परिभाषित कर सकते हैं जिसमें मुद्रा के द्वारा भौतिक तथा वित्तीय परिसंपत्तियों को ख़रीदा जाता है। अर्थात विनियोग का अर्थ (viniyog ka arth) शेयरों अथवा परिसंपत्तियों की ख़रीद से लगाया जाता है। विनियोग क्या है? (viniyog kya hai?) 
इसे सरल शब्दों में जानें तो प्रतिभूतियों, बांडों व शेयरों, मौजूदा पूंजी या भूमि को ख़रीदना विनियोग (viniyog) या निवेश (nivesh) कहलाता है। 

किन्तु अर्थशास्त्र की भाषा में यह विनियोग न होकर केवल धन का हस्तांतरण है क्योंकि इस क्रिया में पूंजी के स्टॉक में कोई वृद्धि नहीं होती है। यह ख़रीद केवल व्यक्तिगत वित्तीय विनियोग है न कि वास्तविक विनियोग। इसलिए विनियोग के अन्तर्गत नए प्लॉट, बांध, सड़कों, भवनों आदि जैसे सार्वजनिक निर्माण कार्य, नई कंपनियों के शेयर व स्टॉक शामिल किए जाते हैं।  

जॉन राबिंसन के अनुसार - "पूंजी विनियोग से तात्पर्य, पूंजी वृद्धि से है, वह तब होती है जब कोई नया मकान बनाया जाए अथवा किसी नई फैक्ट्री की शुरुआत की जाए। विनियोग से आशय, वस्तुओं के वर्तमान स्टॉक में वृद्धि से है।"

अर्थात विनियोग नई पूंजीगत वस्तुओं या संपत्तियों को ख़रीदने के लिए किसी समय अवधि में किए गए व्यय का एक प्रवाह होता है। अतः समय की एक अवधि के दौरान वास्तविक पूंजीगत वस्तुओं या पूंजीगत संपत्तियों का उत्पादन ही विनियोग (viniyog) कहलाता है।

विनियोग के प्रकार (Viniyog ke prakar)

विनियोग को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है -
(1) सकल विनियोग एवं (2) शुद्ध विनियोग

चूंकि निवेश अथवा विनियोग से आशय विनिमय निवेश अर्थात स्टॉक, शेयर्स, ऋणपत्रों तथा पुराने घरों में निवेश से  नहीं होता बल्कि वास्तविक निवेश या वास्तविक विनियोग का अर्थ राष्ट्र की भौतिक संपत्तियों में वृद्धि से लिया जाता है। जिसमें नई फैक्ट्रियां, नई मशीनों तथा पूंजीगत पदार्थों और अंतिम पदार्थों के भंडारों में वृद्धि से लिया जाता है। जब वास्तविक निवेश में पूंजीगत पदार्थों के मूल्यह्रास को भी शामिल कर लिया जाए तो इसे सकल निवेश/कुल विनियोग कहा जाता है।

अन्य शब्दों में सकल निवेश अथवा सकल विनियोग का तात्पर्य नई उत्पादित पूंजीगत वस्तुओं से होता है जो एक समय अवधि जैसे एक वर्ष में प्राप्त की जाती है। सकल विनियोग (sakal viniyog) से मूल्यह्रास को घटाने के बाद जो शेष बचता है उसे शुद्ध विनियोग (shuddh viniyog) अथवा शुद्ध निवेश (shuddh nivesh) कहा जाता है।

शुद्ध निवेश = सकल निवेश - मूल्यह्रास
सकल निवेश = शुद्ध निवेश + मूल्यह्रास

                       अथवा 

शुद्ध विनियोग = सकल विनियोग - मूल्यह्रास
सकल विनियोग = शुद्ध विनियोग + मूल्यह्रास

इस प्रकार शुद्ध निवेश अथवा शुद्ध विनियोग एक समय अवधि में पूंजी स्टॉक में परिवर्तन के बराबर होता है। तथा एक राष्ट्र में सकल निवेश का अर्थ सकल घरेलू पूंजी निर्माण से लिया जाता है जिसमें इन मदों जैसे - मशीन, स्टॉक, व्यावसायिक भवन का निर्माण, मशीन की घिसावट (मूल्यह्रास) को शामिल किया जाता है।

उम्मीद है इस अंक के माध्यम से आप विनियोग/निवेश से क्या अभिप्राय है? तथा सकल निवेश किसे कहते हैं? (sakal nivesh kise kahate hain?) अच्छी तरह जान चुके होंगे। अर्थशास्त्र से जुड़े ऐसे ही उपयोगी टॉपिक्स पढ़ने के लिए जुड़े रहिए StudyBoosting के साथ।

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