मूल्य ह्रास क्या है? | मूल्यह्रास का अर्थ | Depreciation in Economics in hindi

मूल्यह्रास क्या है? | Mulya hras kya hai? (मूल्यह्रास की परिभाषा, depreciation in hindi, mulya hras meaning in hindi)


mulya hras ka matlab in hindi, depreciation kya hota hai in hindi

उत्पादन की प्रत्येक अवस्था में वस्तु के मूल्य में शुद्ध वृद्धि से हमें घरेलू उत्पादन के वास्तविक मूल्य की सही सही जानकारी प्राप्त नहीं हो पाती। क्योंकि उत्पादन के दौरान मशीनों, उपकरणों या पूंजीगत वस्तुओं की टूट-फूट होती रहती है। उत्पादन के दौरान होने वाली इसी टूट-फूट को मूल्य ह्रास (mulya hras) या घिसावट (ghisavat) कहा जाता है।

दूसरे शब्दों में हम यह सकते हैं कि "स्थाई संपत्तियों लंबे समय तक उपयोग, मशीनों के लगातार प्रयोग व तकनीकी प्रयोगों के कारण उनके मूल्य में समय के साथ जो कमी होती है उसे मूल्यह्रास (mulya hras) या घिसावट कहते हैं?"


दरअसल उत्पादन की प्रक्रिया में एक समय के बाद पूंजीगत वस्तुओं का प्रतिस्थापन आवश्यक हो जाता है। कुछ मामलों में तकनीकी परिवर्तन के कारण भी मशीनों व उपकरणों का ह्रास होता है। सीधे शब्दों कहा जाए तो किसी भी उत्पादन प्रक्रिया में कुछ न कुछ टूट फूट या मशीनों में ख़राबी तो हो ही जाया करती है अथवा समय के साथ साथ उत्पादन प्रक्रिया में प्रयुक्त संसाधनों के मूल्य में ह्रास होना लगभग तय होता है। या लंबे समय के बाद पुरानी मशीनों के बदले नई मशीनों को लगाना भी आवश्यक होता है।

उदाहरण के लिए यदि आपने कोई कार ख़रीदी है, लंबे समय तक उपयोग करने के बाद क्या आपकी कार की क़ीमत उतनी ही आंकी जाएगी, जितने में आपने ख़रीदी थी? लंबे समय तक प्रयोग करते रहने से, आपकी कार की मशीन में समय के साथ कुछ घिसावट (ख़राबी) होगी, जिस कारण उसकी क़ीमत लगातार कम होती चली जाती है। बल्कि आपने देखा होगा कि आपकी कार के बीमा का प्रीमियम भी समय के साथ साथ घटता चला जाता है। बीमा कंपनियों की नज़र में भी आपकी कार की क़ीमत भी घटती चली जाती है। इसे ही मूल्य ह्रास (mulya hras) कहा जाता है।

मूल्यह्रास का अभिप्राय क्या है? (mulya hras ka abhipray kya hai?) सरल शब्दों में जानने के लिए आइए हम एक और उदाहरण द्वारा समझते हैं कि यदि कोयले या डीजल से चलने वाले रेल के इंजन के स्थान पर बिजली से चलने वाले इंजन प्रयोग किया जाए, तब डीजल इंजन बेकार हो जाएंगे। इसी तरह यदि फ़ैशन बदल जाए तो कुछ मशीनों व उपकरणों में बदलाव यानि कि प्रतिस्थापन करना होता है। 


इसी पूंजी ह्रास को पूरा करने के लिए अथवा पूंजीगत वस्तुओं के स्टॉक को यथावत बनाए रखने के लिए जिस प्रतिस्थापन या घिसावट व्यय की व्यवस्था की जाती है उसे मूल्यह्रास (mulya hras) कहते हैं।

मूल्यह्रास का सूत्र (Mulya hras gyat karne ki vidhi) -

किसी अर्थव्यवस्था में अंतिम वस्तुओं व सेवाओं के कुल मौद्रिक मूल्य में से मूल्य ह्रास को घटा देने पर शुद्ध घरेलू उत्पाद मूल्य प्राप्त हो जाता है।

शुद्ध घरेलू उत्पाद मूल्य = सकल घरेलू उत्पाद मूल्य - मूल्यह्रास

                                     अथवा

शुद्ध निवेश = सकल निवेश - मूल्यह्रास
सकल निवेश = शुद्ध निवेश + मूल्यह्रास

                                     अथवा

मूल्यह्रास (depreciation in hindi) को हम निम्न सूत्रों द्वारा भी ज्ञात कर सकते हैं -

मूल्यह्रास = सकल निवेश - शुद्ध निवेश
मूल्यह्रास = सकल घरेलू उत्पाद मूल्य - शुद्ध घरेलू उत्पाद मूल्य

उम्मीद है आपने इस अंक में "मूल्यह्रास किसे कहते हैं? (mulya hras kise kahate hain?) | मूल्यह्रास का मतलब (mulya hras ka matlab in hindi) ठीक से समझ लिया होगा।


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