एक श्रेष्ठ मुद्रा की क्या विशेषताएं हैं? | श्रेष्ठ मुद्रा के क्या क्या गुण होने चाहिए? | Merits of a good money in hindi
मुद्रा उसे कहते हैं जो विनिमय के माध्यम के रूप में सामान्य रूप से स्वीकार की जाती है। साथ ही जो मापन व मूल्य संचय का कार्य भी करती है। किन्तु एक श्रेष्ठ मुद्रा कहलाने के लिए मुद्रा में कुछ विशिष्ट गुण होने चाहिए। जिन गुणों को हम इस अंक में जानेंगे।
एक अच्छे मुद्रा पदार्थ के गुण (ek achchhe mudra padarth ke gun) निम्नलिखित होने चाहिए -
(1) सुपरिचयता - एक अच्छे मुद्रा पदार्थ के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि इसे सरलता से पहचाना जा सके। क्योंकि पहचान के अभाव में जाली मुद्रा के चलन का भय बना रहता है।
(2) सामान्य स्वीकृति - मुद्रा किसी ऐसे पदार्थ से बनी होनी चाहिए जिसे सभी लोग सहर्ष ही स्वीकार कर सकें। अर्थात मुद्रा में हर स्थान एवं प्रत्येक नागरिकों द्वारा स्वीकृति का गुण प्राप्त होना चाहिए।
(3) वहनीयता - एक अच्छी मुद्रा में यह गुण होना भी अत्यंत आवश्यक है कि उसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से स्थानांतरित किया जा सके। अतः मुद्रा ऐसी धातु से ढाली जानी चाहिए जिसे स्थानांतरित करना आसान हो।
(4) टिकाऊपन - कोई भी मुद्रा, श्रेष्ठ मुद्रा तभी बन सकती है जब उसमें टिकाऊ होने का गुण पाया जाता हो। अर्थात मुद्रा का उपयोग सीमित समय तक ही नहीं, बल्कि वर्षों तक किया जा सके।
(5) एकरूपता - मुद्रा की सभी इकाइयों में एकरूपता होनी चाहिए। उदाहरण के तौर पर पशु या गेहूं कि बात की जाए तो ये अच्छे मुद्रा पदार्थ नहीं कहे जा सकते हैं। क्योंकि इनमें अत्यधिक विभिन्नताएं पायी जाती है।
(6) मूल्य की स्थिरता - एक अच्छी मुद्रा के लिए यह भी अत्यंत आवश्यक है कि मुद्रा के मूल्यों में उतार चढ़ाव न हो। क्योंकि मुद्रा पदार्थ के मूल्यों में परिवर्तन होने से मुद्रा के मूल्य में भी उतार चढ़ाव देखने मिलते हैं।
(7) मितव्ययिता - कोई भी मुद्रा, तब और भी श्रेष्ठता हासिल कर लेती है जब मुद्रा ऐसी हो कि जिसे ढालने में अधिक धनराशि व्यय न करना पड़े और घिसावट भी कम हो।
(8) विभाजकता - श्रेष्ठ मुद्रा ऐसी होनी चाहिए कि जिसे छोटे छोटे टुकड़ों में विभाजित किया जा सके। और साथ ही उस विभाजन से उसके मूल्य में किसी भी प्रकार की कोई कमी न आए। जैसे - भारत में एक रुपए का नोट 50 पैसे, 20 पैसे, 10 पैसे आदि में विभाजित किया जा सकता है।
(9) तरलता - एक श्रेष्ठ मुद्रा में तरलता का गुण होना चाहिए। अर्थात मुद्रा पदार्थ ऐसा होना चाहिए जिसे सरलता से पिघलाया जा सके और जिसके सिक्के आसानी से ढाले जा सकें। आवश्यकता पड़ने पर उन सिक्कों को पुनः धातु के रूप में आसानी से बदला जा सके।
(10) उपयोगिता - मुद्रा जिस धातु में ढाली जाए उसमें उपयोगिता का गुण होना चाहिए। यानि कि मुद्रा धातु ऐसी होनी चाहिए जिसमें विनिमय शक्ति भरपूर हो। और जो लोगों द्वारा सहर्ष ही स्वीकारी का सके।
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उम्मीद है इस अंक श्रेष्ठ मुद्रा की विशेषताएं (shreshth mudra ki visheshtayein) के अन्तर्गत आपने यह जान लिया होगा कि एक अच्छी मुद्रा के क्या गुण होने चाहिए? (ek achchi mudra ke kya gun hone chahiye?) ऐसे ही महत्वपूर्ण टॉपिक्स पढ़ने के लिए जुड़े रहिए हमारी वेबसाइट studyboosting के साथ।
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