हरित क्रान्ति की सफलता के लिए सुझाव | suggestions for the success of the Green Revolution in hindi

साधारण तौर पर हम हरित क्रांति को भारतीय कृषि का आधुनिकीकरण कह सकते है। कृषि के आधुनिकीकरण के फलस्वरूप कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति देखी गई। देश में कुछ फसलों के उत्पादन में पर्याप्त वृद्धि हुई। 




खाद्यान्नों के आयात में कमी आयी। कृषि के परम्परागत स्वरूप में बदलवा आया। फ़िर भी इस कार्यक्रम में कुछ कमियां रह गईं। इस अंक में हम हरित क्रांति को और अधिक सफल बनाने के लिए सुझाव पर चर्चा करेंगे।

हरित क्रांति को सफल बनाने के लिए सुझाव (harit kanti ko safal banane ke liye sujhav) निम्नलिखित हैं -

1. संस्थागत परिवर्तनों को प्रोत्साहन -
हरित क्रान्ति को अधिक सफल बनाने हेतु संस्थागत सुधारों जैसे भूमि की चकबंदी, भूमि का संरक्षण, भूमि सुधार कार्यक्रमों को प्रभावी और विस्तृत रूप से लागू किया जाना चाहिए। बंटईदारों को स्वामित्व का अधिकार तथा सीमा निर्धारण से प्राप्त अतिरिक्त भूमि को भूमिहीन कृषकों में वितरित कर दिया जाना चाहिए।

2. कृषि वित्त की सुविधा -
छोटे छोटे किसानों को रियायती दरों पर साख की सुविधा दी जानी चाहिए। ताकि वे आवश्यक बीज, रासायनिक खाद तथा कृषि उपकरण ख़रीद सके।

3. सिंचाई के साधनों का विस्तार  -
देश में सिंचाई सुविधाओं का पर्याप्त विकास किया जाना। ताकि कृषक अधिक उपज देने वाली फसलों का पूरा पूरा लाभ उठा सके। इसके लिए छोटी छोटी सिंचाई परियोजनाओं के द्वारा ही खेतों के लिए पानी की उचित व्यवस्था की जानी चाहिए।

4. ग्रामीण बेरोज़गारी दूर करने का प्रयास -
हरित क्रांति से कृषि क्षेत्र में मशीनों के प्रयोग से ग्रामीण श्रमिकों में बेरोज़गारी की समस्या बढ़ी है। अतः ग्रामीण क्षेत्रों में लघु व कुटीर उद्योगों का तेज़ी से विस्तार किया जाना चाहिए।

5. किसानों में शिक्षा का प्रसार -
हरित क्रांति की सफलतता के लिए यह आवश्यक है कि देश के छोटे बड़े किसानों में शिक्षा का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाना चाहिए।

6. अन्य फसलों का भी शामिल होना -
हरित क्रांति में केवल गेहूं की फसल का ही बोलबाला रहा है। इसलिए हरित क्रांति को केवल गेहूं तक ही सीमित न रखते हुए इसमें खाद्यान्न फसलों जैसे चावल, ज्वार, बाजरा, मक्का आदि को शामिल करने के साथ साथ व्यापारिक फसलों जैसे दालें, तिलहन, कपास, गन्ना, जूट आदि को भी शामिल किया जाना चाहिए।

7. अन्य संरचनात्मक सुधारों का विस्तार -
कृषि के विकास के लिए ज़रूरत के हिसाब से आवश्यक बिजली, परिवहन और अन्य संरचनात्मक सुविधाओं का विकास किया जाना चाहिए। तभी हरित क्रांति (harit kranti) अपने चरम बिन्दु तक पहुंचने में कामयाब हो पाएगी।

8. कृषि अनुसंधानों पर ज़ोर -
भारत में तीन-चौथाई किसान छोटे व सीमांत कृषक हैं। अतः इनके लिए कृषि लाभदायक व्यवसाय कैसे बन सकती है? इसके लिए अनुसंधान किए जाने की आवश्यकता है।

9. छोटे खेत व छोटे किसानों को संबद्ध करना -
हरित क्रांति के साथ छोटे खेतों तथा छोटे किसानों को संबद्ध करना चाहिए। इसके लिए कुछ सुधारात्मक कार्य किए जा सकते हैं जैसे - भूमि सुधार कार्यक्रमों को शीघ्रता से लागू करना, छोटे किसानों को उन्नत बीज, खाद आदि उचित कीमत में उपलब्ध कराना या इन्हें ख़रीदने के लिए ऋण उपलब्ध कराना, छोटी जोतों वाले किसानों को सहकारी खेती के अपनाने के लिए प्रेरित करना।

10. समन्वित फार्म नीति -
हरित क्रांति को सफल बनाने के लिए समन्वित फार्म नीति को अपनाया जाना चाहिए। ताकि फार्म तकनीक व आगतों के मूल्यों के संबंध में एक उचित नीति अपनायी जा सके। तथा कृषकों को उन्नत बीज, खाद, कीटनाशक तथा कृषि यंत्र और उपकरण उचित मूल्य पर उपलब्ध हो सकें।इसके अतिरिक्त सरकार को समस्त कृषि उपजों की बिक्री का प्रबंध भी किया जाना चाहिए। तथा उचित मूल्य पर कृषि उत्पादों को ख़रीदने की गारंटी भी देनी चाहिए।


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