सुधार प्रक्रिया से कृषि क्षेत्रक दुष्प्रभावित हुआ लगता है क्यों? | सुधार प्रक्रिया से कृषि क्षेत्र के लाभान्वित न होने के क्या कारण रहे हैं?

सुधार प्रक्रिया से कृषि क्षेत्र को लाभ क्यों नहीं हुआ है? | Sudhar prakriya se krishi kshetra ko labh kyon nahi hua hai? 

भारत में सुधार प्रक्रिया के पीछे कुछ विशेष उद्देश्य थे जिनमें उदारीकरण के अन्तर्गत अर्थव्यवस्था में कुछ विशिष्ट बदलाव लाना तथा अर्थव्यवस्था में विकास की दर को बढ़ाने का भरसक प्रयास करना शामिल था। सुधार प्रक्रिया का सकारात्मक प्रभाव सेवा क्षेत्र को हुआ लेकिन कृषि क्षेत्रक को उतना लाभ नहीं मिल पाया।


सुधार प्रक्रिया से कृषि क्षेत्रक पर दुष्प्रभाव

सीधे शब्दों में कहा जा सकता है कि सुधार प्रक्रिया का कृषि क्षेत्रक को लाभ मिलने के बजाय, दुष्प्रभाव अधिक देखने मिला। इसके निम्नलिखित कारण कहे जा सकते हैं -

1) सुधार अवधि में कृषि क्षेत्रक में सार्वजनिक व्यय विशेषकर आधारिक संरचना अर्थात सिंचाई, बिजली, सड़क निर्माण, बाज़ार संपर्कों और शोध प्रसार आदि पर व्यय में काफ़ी कमी आई।

2) उर्वरक सहायिकी की समाप्ति ने भी उत्पादन लागतों को बढ़ा दिया है। इसका छोटे और सीमांत किसानों पर बहुत ही गंभीर प्रभाव पड़ा है।

3) कृषि क्षेत्र में सब्सिडी हटा देने से उत्पादन लागत में अपेक्षाकृत वृद्धि हुई है। खेती ज़्यादा महंगी हो गई है। जिसका गरीब और सीमांत किसानों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।

4) विश्व व्यापार संगठन की स्थापना के कारण कृषि उत्पादों पर आयात शुल्क में कटौती, न्यूनतम समर्थन मूल्यों की समाप्ति और इन पदार्थों के आयात पर परिमाणात्मक प्रतिबंध हटाए जाने के कारण से कृषि क्षेत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। 

5) उत्पादन व्यवस्था के निर्यातोन्मुखी होने के फलस्वरूप आंतरिक उपभोग की खाद्यान्न फसलों के स्थान पर निर्यात के लिए नकदी फसलों पर बल दिया गया। इससे देश में खाद्यान्नों की कीमतों पर दबाव बढ़ा।

6) भारतीय विकास योजनाओं में कृषि क्षेत्र की उपेक्षा की गई है। भू सुधारों व कृषि आगतों की उपलव्धता की ओर पर्याप्त रूप से ध्यान नहीं दिया गया। कृषि के विकास के अभाव में अन्य क्षेत्रों का विकास भी नहीं हो सका।

7) देश में उत्पादन की तकनीक देश की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर नहीं अपनाई गई। परिणाम यह हुआ कि विदेशी तकनीक देश की परिस्थितियों के अनुरूप कार्य नहीं कर सकी।

8) कृषि क्षेत्र के बुनियादी ढांचे में सुधार हेतु सरकार द्वारा पर्याप्त निवेश में कमी की गई जिस कारण भारतीय कृषि में पर्याप्त सुधार नहीं दिखाई दिए।


Related topics :








Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ