उदारीकरण का आर्थिक विकास में क्या योगदान रहा? | Udarikaran ka bhartiya arthvyavastha par prabhav

भारतीय अर्थव्यवस्था पर उदारीकरण का क्या प्रभाव पड़ा? Impact of Liberalization on Indian Economy in hindi




उदारीकरण का आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उदारीकरण के अंतर्गत अन्तर्गत आर्थिक विकास को बाधित करने वाले प्रतिबंधों को दूर कर अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को मुक्त करने की नीति बनाकर एक अभूतपूर्व सहयोग मिला है। आर्थिक उदारीकरण की नीति को अपनाने से प्राप्त लाभ निम्नानुसार हैं -

1. विदेशी पूंजी निवेश ने वृद्धि -
आर्थिक उदारवाद एवं निजीकरण के बाद भारत में विदेशी पूंजी निवेश की गति तीव्रता आई है। उदारीकरण के बाद अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, जापान, फ्रांस, हॉलैंड और सिंगापुर जैसे देशों की भागीदारी भी बढ़ी है। भारत को अधिक से अधिक मात्रा में प्रत्यक्ष पूंजी निवेश प्रस्ताव भी प्राप्त होते रहे हैं।

2, भुगतान संतुलन में स्थिरता -
भुगतान संतुलन की स्थिति को लड़खड़ाने के स्तर पर पहुंच गई थी। वह अब धीरे धीरे स्थिर हो गई है। यह राष्ट्र लिए एक शुभ संकेत है।

3. घाटे के बजट पर नियंत्रण -
नई आर्थिक नीति के फलस्वरूप बजटीय घाटे को नियंत्रण करने में बहुत सहायता मिली है। यह भी उदारीकरण के विशेष योगदानों में से एक है।

4. भ्रष्टाचार में कमी -
लाइसेंस एवं पंजीयन की औपचारिकताओं से उद्योगों को मुक्त कर देने से भ्रष्टाचार एवं लालफ़ीताशाही का औद्योगिक क्षेत्र में आतंक कम हुआ है। इससे योजनाओं को कम समय में पूर्ण करने के अवसर बढ़े हैं।

5) आधुनिकीकरण में बढ़ावा -
उदारीकरण एक ऐसी नीति है जिसके कारण विभिन्न छूटों की वजह से उत्पादन में वृद्धि होती है। फ़िर लोगों की आय में वृद्धि होने लगती है। आर्थिक विकास तेज़ी से होने लगता है। सीधे शब्दों में कहा जाए तो उदारीकरण नीति अर्थव्यवस्था को वैश्वीकरण को ओर उन्मुख करती है। जिसके चलते दो राष्ट्रों के बीच व्यापार और आधुनिक तौर तरीक़ों का भी आदान-प्रदान होने लगता है।

6. विदेशी मुद्राकोष में वृद्धि -
आर्थिक सुधार हेतु दिए गए प्रयत्नों के अच्छे परिणाम, बेहतर निर्यात और बेहतर विदेशी निवेश ने भारतीय विदेशी मुद्रा के कोष को 18 बिलियन डॉलर तक पहुंचा दिया और स्वर्ण भंडार को 5 बिलयन डॉलर तक पहुंचा दिया।

7. मुद्रा स्फीति की दर में कमी -
आर्थिक उदारीकरण ने एक महत्वपूर्ण प्रभाव यह दिया कि इस नीति के आने से मुद्रा स्फीति की दर में कमी देखी गई। जो कि आर्थिक विकास की गति को तीव्र करने में मददगार साबित हुई।

8. राजकोषीय घाटे पर नियंत्रण -
उदारीकरण की नीति से जितने लाभ मिले उनमें से एक महत्वपूर्ण लाभ यह भी मिला की इस नीति से राजकोषीय घाटे पर नियंत्रण करने में सुविधा मिली।


Related topics :



Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ