नई राष्ट्रीय कृषि नीति 2000 के लक्ष्य, उद्देश्य | भारतीय कृषि क्रांतियां | bhartiya krashi krantiyan kya hain?
केंद्र सरकार द्वारा नई राष्ट्रीय कृषि नीति (nai rashtriya krishi niti) की घोषणा 28 जुलाई 2000 को की गई। यह नीति विश्व व्यापार संगठन (WTO) के प्रावधान के अधीन कृषि क्षेत्र की चुनौतियों का सामना करने के लिए घोषित की गई। यह नई कृषि नीति (nai krishi niti) मुख्य रूप से घरेलू मांग को पूरा करके कृषि निर्यातों को बढ़ावा देने पर बल देती है। इस अंक में हम राष्ट्रीय कृषि नीति के लक्ष्य, उद्देश्य के साथ साथ विभिन्न क्रांतियों के बारे में जानेंगे।
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नई राष्ट्रीय कृषि नीति के लक्ष्य (Nai rashtriya krishi niti ke lakshya)
1. कृषि क्षेत्र में प्रत्येक वर्ष 4% कृषि विकास की दर प्राप्त करना।
2. ग़रीब किसानों को भूमि देने के लिए भूमि सुधार संबंधी योजना तैयार करना।
3. देश के सभी राज्यों में जोतों की चकबंदी करवाना। जिससे किसानों को भरपूर लाभ मिल सके।
4. कृषि क्षेत्र में विकास हेतु निजी निवेश को बढ़ावा देना।
5. किसानों को फसल बीमा सुरक्षा देना। ताकि कृषि में होने वाले नुक़सान की फ़िक्र किए बिना किसान उत्साहपूर्वक उत्पादन कर सके।
6. जैव तकनीक को बढ़ावा देना। जिससे कृषि उत्पादन को एक नई दिशा प्रदान की जा सके।
7. बीजों की नई क़िस्म विकसित करना। जिससे उत्पादन का स्तर लगातार बढ़ सके।
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नई राष्ट्रीय नीति के उद्देश्य (Nai rashtriya niti ke uddeshya)
1. भारतीय कृषि में छिपी हुई व्यापक विकास संभावनाओं का पता लगाकर उनका सम्पूर्ण लाभ उठाना।
2. ग्रामीण अवसंरचना को और अधिक दृढ़ बनाने का प्रयास करना ताकि कृषि सम्बन्धी विकास को उचित प्रोत्साहन मिल सके।
3. ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक रोज़गार के अवसरों का सृजन करना।
4. कृषकों, कृषि श्रमिकों एवं उनके परिवारों हेतु समुचित जीवन स्तर की हर संभव व्यवस्था करना।
5. ग्रामीण क्षेत्रों की ओर से शहरों की ओर पलायन कर रहे मज़दूरों, किसानों पर अंकुश लगाना।
6. आर्थिक उदारीकरण एवं भूमण्डलीकरण से उत्पन्न होने वाली विभिन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना।
7. ऐसा कृषि विकास सुनिश्चित करना जो संसाधनों का कुशल प्रयोग कर सके तथा हमारे भूमि, जल एवं जैव-विविधता की रक्षा कर सके।
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राष्ट्रीय कृषि नीति के अंतर्गत कृषि क्रांतियां (rashtriya krishi niti ke antargat krishi krantiyan)
नई राष्ट्रीय कृषि नीति को इन्द्रधनुषीय क्रांति (Rainbow Revolution) भी कहा जाता है। भारत की प्रमुख कृषि क्रांतियां (bharat ki pramukh krishi krantiyan) निम्नलिखित हैं -
(1) हरित क्रांति - यह क्रांति खाद्यान्न उत्पादन से संबंधित है।
(2) सफ़ेद क्रांति - यह क्रांति दुग्ध उत्पादन से संबंधित है।
(3) पीली क्रांति - यह क्रांति तिलहन उत्पादन से संबंधित है।
(4) नीली क्रांति - यह क्रांति मत्स्य अर्थात मछली के उत्पादन से संबंधित मानी जाती है।
(5) लाल क्रांति - यह क्रांति टमाटर के उत्पादन से संबंधित है।
(6) सुनहरी क्रांति - यह क्रांति फलों जैसे सेब के उत्पादन से संबंधित है।
(7) भूरी क्रांति - यह क्रांति उर्वरकों के उत्पादन से संबंधित मानी जाती है।
(8) काली क्रांति - यह क्रांति गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोतों से संबंधित है।
(9) सिल्वर क्रांति - यह क्रांति अंडे के उत्पादन से संबंधित है।
(10) गोल क्रांति - यह क्रांति विशेष तौर पर आलू के उत्पादन से संबंधित है।
उपरोक्त इन्द्रधनुषीय क्रांति में खाद्यान्न श्रृंखला क्रांति भी सम्मिलित की गई है। ताकि खाद्यान्न सब्ज़ी तथा फलों को नष्ट होने से बचाया जा सके।
उम्मीद है आपने इस अंक में भारत की नई कृषि नीति (Bharat ki nai krishi niti) के लक्ष्यों एवं उद्देश्यों को भली भांति समझ लिया होगा। साथ ही नई राष्ट्रीय कृषि नीति के अंतर्गत भारत की मुख्य कृषि क्रांतियां (bharat ki mukhya krishi krantiyan) कौन कौन सी हैं यह भी जान लिया होगा।
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