किसी अनुसंधान के अन्तर्गत संकलित किए गए समंक जटिल होने के साथ साथ विस्तृत भी होते हैं। अतः इन्हें सरलता से समझ पाना आसान नहीं होता। बल्कि इनमें भ्रम की स्थिति भी निर्मित हो जाती है।
इसलिए इन्हें सरल बनाने के लिए इनका वर्गीकरण एवं सारणीयन चित्र रेख, बिंदु रेख आदि के माध्यम से सरल व तुलनीय बनाया जाता है। आइए हम समंक को सरल व तुलनीय बनाने के लिए चित्र रेखीय प्रदर्शन एवं बिंदु रेखीय प्रदर्शन में अंतर (chitra rekhiya pradarshan evam bindurekhiya pradarshan me antar) क्या है? जानते हैं।
चित्र एवं बिंदु रेख में अंतर (Difference between Diagram and Graph in hindi)
बिंदुरेखीय तथा चित्ररेखीय प्रदर्शन में अंतर निम्नलिखित है -
चित्र रेख | बिंदु रेख |
---|---|
1. चित्र द्वारा व्यक्तिगत श्रेणी को अच्छी तरह से प्रदर्शित किया जा सकता है। | 1. बिंदु रेख काल श्रेणी तथा अखंडित श्रेणी को अच्छी तरह से प्रदर्शित किया जा सकता है। |
2. चित्र रेख में दो या दो से अधिक तथ्यों का तुलनात्मक प्रदर्शन असंभव है। | 2. बिंदु रेख में दो या दो से अधिक तथ्यों का तुलनात्मक प्रदर्शन संभव है। |
3. चित्र बनाने में सुंदरता को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। | 4. बिंदु रेख बनाने में यथार्थता व शुद्धता अधिक महत्वपूर्ण है। |
4. चित्रों का निर्माण करना अपेक्षाकृत कठिन कार्य होता है | 4. बिंदु रेख का निर्माण करना अपेक्षाकृत सरल होता है। |
उम्मीद है इस अंक में आपने चित्र रेखीय प्रदर्शन एवं बिंदु रेखीय प्रदर्शन में अंतर को भली भांति समझ लिया होगा। आशा है यह टॉपिक आपके अध्ययन में अवश्य मददगार साबित हुआ होगा।
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