धातु मुद्रा देश की एक ऐसी मुद्रा होती है जिसकी ढलाई स्वतंत्र रूप से की जाती है। इसका मुद्रा मूल्य इसमें लगी हुईं धातु के मूल्य के बराबर होता है।
किन्तु पत्र एक ऐसी मुद्रा होती है जिसकी कागज़ पर छपाई की जाती है। इसे रिज़र्व बैंक द्वारा निर्गमित किया जाता है जिसमें लिखित राशि का भुगतान करने का सरकार द्वारा वचन दिया जाता है।
आइए हम इस अंक में धातु मुद्रा और पत्र मुद्रा के बारे में जानते हैं कि धातु मुद्रा तथा पत्र मुद्रा में क्या अंतर है? (dhatu mudra tatha patra mudra mein kya antar hai?)
धातु मुद्रा और पत्र मुद्रा में अंतर (Difference between metallic currency and paper currency in hindi)
धातु मुद्रा एवं पत्र मुद्रा में अंतर (dhatu mudra evam patra mudra me antar) निम्नलिखित हैं -
धातु मुद्रा | पत्र मुद्रा |
---|---|
1. धातु मुद्रा शीघ्र नष्ट नहीं होती क्योंकि यह धातु की बनी होती है। | 1. पत्र मुद्रा शीघ्र नष्ट हो जाती है क्योंकि यह कागज़ पर छपी होती है। |
2. धातु मुद्रा की ढलाई पर अधिक व्यय होता है। | 2. पत्र मुद्रा की छपाई पर अपेक्षाकृत कम व्यय होता है। |
3. इसके टंकण का कार्य टकसाल या केंद्रीय सरकार द्वारा किया जाता है। | 3. इसके मुद्रण का कार्य केंद्रीय बैंक (रिज़र्व बैंक) द्वारा किया जाता है। |
4. धातु मुद्रा का अपना एक धात्विक मूल्य होता है। | 4. पत्र मुद्रा का अपना कोई मूल्य नहीं होता है। |
5. धातु मुद्रा पर जनता का विश्वास अधिक होता है। | 5. पत्र मुद्रा पर जनता का विश्वास अपेक्षाकृत कम होता है। |
6. धातु मुद्रा का प्रयोग छोटे छोटे भुगतानों में किया जाता है। | 6. पत्र मुद्रा का प्रयोग बड़े बड़े भुगतानों में किया जाता है। |
Related topics :
Tags
अर्थशास्त्र