आनुपातिक कर का अर्थ, गुण एवं दोष | अनुपाती कर क्या है | Anupatik kar pranali kya hai | Anupatik kar ke gun aur dosh
आनुपातिक कर (Proportional Tax)
अनुपाती कर वह है जिसकी दरें सभी करदाताओं के लिए एक समान हों। दूसरे शब्दों में, आय चाहे अधिक हो अथवा कम, परन्तु कर की दर सभी दशाओं में एक-सी रहती है।
उदाहरणार्थ, यदि एक व्यक्ति की आय 100 रु. तथा दूसरे व्यक्ति की आय 10,000 रु. है तो इन दोनों ही व्यक्तियों पर समान दर से कर लगाया जायेगा। माना कर की दर 10% है तो अनुपाती कर (anupatik kar) के अनुसार 100 रु. आय वाले व्यक्ति को 10 रु. तथा 10,000 रु. आय वाले व्यक्ति को 1,000 रु. कर के रूप में देने होंगे।
अनुपाती कर के गुण (Anupatik kar ke gun)
अनुपाती कर के पक्ष में तर्क या गुण (Proportional tax ke gun) निम्नलिखित हैं -
(1) सरलता -
यह कर बहुत सरल होते हैं। इनका हिसाब कोई भी व्यक्ति आसानी से लगा सकता है। इस सम्बन्ध में जे. बी. से ने कहा है कि, "अनुपाती कर की परिभाषा करने की आवश्यकता नहीं है यह साधारण त्रैराशिक नियम (Rule of Three) है।"
(2) धन का वितरण पूर्ववत् रहता है-
इस कर के पक्ष में एक बात यह कही जाती है कि इसमें कर लगने से पूर्व तथा कर लगने के पश्चात् धन के वितरण में कोई अन्तर नहीं आता है।
अनुपाती कर के दोष (Anupatik kar ke dosh)
अनुपाती कर के विपक्ष में तर्क या दोष (Proportional tax ke dosh) निम्न हैं -
(1) न्याय के विरुद्ध-
यह कर न्याय सिद्धान्त के बिल्कुल विरुद्ध है। अधिक आय वाले व्यक्ति की मुद्रा की सीमान्त उपयोगिता कम आय वाले व्यक्ति की अपेक्षा कम होती है। अत: दोनों पर एक ही दर से कर लगाना कदापि न्यायोचित नहीं है। इन करों में गरीबों पर अमीरों की अपेक्षा कर का भार अधिक पड़ता है।
(2) लोच का अभाव-
यह कर बेलोच होते हैं, क्योंकि यदि आवश्यकता पड़ने पर इनकी दरों में वृद्धि की जाती है तो गरीबों पर इनका भार बहुत अधिक पड़ता है।
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