आर्थिक नियोजन क्या है? अर्थ एवं उद्देश्य समझाइए।

आर्थिक नियोजन से क्या अभिप्राय है? | आर्थिक नियोजन का अर्थ एवं परिभाषाएं | भारत में आर्थिक नियोजन के उद्देश्य (Arthik niyojan se kya abhipray hai, arth, paribhashaen, aarthik niyojan ka tatparya, aarthik niyojan ke uddeshya)

किसी देश के आर्थिक विकास हेतु एक निश्चित समय में, निर्धारित किए गए लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए, उस देश की सरकार द्वारा अपनाए जाने वाले विशिष्ट आर्थिक कार्यक्रमों (योजनाओं) को आर्थिक नियोजन (arthik niyojan) अथवा विकास योजनाएं (vikas yojnayen) कहा जाता है।


aarthik niyojan kya hai?

किसी भी देश के विकास के लिए सरकार द्वारा कुछ विशिष्ट योजनाएं बनाई जाती हैं। इसके अन्तर्गत कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्र जैसे अलग अलग क्षेत्रों के लिए लक्ष्य निर्धारित किए जाते हैं। एक निश्चित समय सीमा के अंदर इन विशेष लक्ष्यों को प्राप्त करने की प्रक्रिया प्रारंभ की जाती है। ध्यान रखा जाता है कि इन निर्धारित लक्ष्यों को पाने में देश के अंदर उपलब्ध संसाधनों का उनकी प्राथमिकता के आधार पर सर्वोत्तम उपयोग किया सके।  

किसी भी अल्पविकसित देश के आर्थिक विकास हेतु उस देश की पिछड़ी हुई कृषि तथा औद्योगिक व्यवस्था को एक आधुनिक रूप देने के लिए, विकास के रास्ते पर अग्रसर होने के लिए सरकार द्वारा जो योजनाएं चलाई जाती हैं। उस पूरी प्रक्रिया को आर्थिक नियोजन (aarthik niyojan) कहा जाता है। ये योजनाएं देश के भावी विकास हेतु क्रियान्वित की जाती हैं। इन योजनाओं का नियमन एवं संचालन केंद्रीय सत्ता द्वारा किया जाता है।


भारत में आर्थिक विकास 1 अप्रैल सन् 1951 से प्रारंभ हुआ। जिसमे पांच- पांच वर्षों के लिए योजनाएं बनाकर आर्थिक विकास के लक्ष्य निर्धारित किए गए। तथा उन लक्ष्यों को पाने के लिए एक निश्चित समय में सरकारी नियंत्रण के साथ, भरसक प्रयास किए गए।


आर्थिक नियोजन के उद्देश्य (Objectives of Economic Planning in hindi)

आर्थिक नियोजन के उद्देश्यों (arthik niyojan ke uddeshya) को तीन भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है। ये भाग निम्नलिखित हैं -

(अ) आर्थिक उद्देश्य, (ब) सामाजिक उद्देश्य, (स) राजनैतिक उद्देश्य।


(अ) आर्थिक उद्देश्य (Economic Objectives)


1. संतुलित विकास - आर्थिक नियोजन का मुख्य उद्देश्य, देश के आर्थिक विकास को संतुलित करना होता है। देश का संतुलित विकास तभी संभव होता है जब देश के अंदर सरकार, विभिन्न योजनाओं के माध्यम से विकासात्मक कार्यक्रम चलाती है। 

2. पूर्ण रोज़गार - अल्पविकसित देशों की एक प्रमुख समस्या, बेरोज़गारी की समस्या होती है। इसलिए आर्थिक नियोजन के तहत चलाई जा रही योजनाओं द्वारा नए नए उद्योग व व्यापार का विस्तार कर देश में चल रही बेरोज़गारी की समस्या को दूर कर पूर्ण रोज़गार की स्थिति कायम की सकती है।


3. आर्थिक सुरक्षा - देश में उपलब्ध साधनों का सही सही उपयोग तभी किया जा सकता है जब उन साधनों के उपयोग करने के लिए उपयुक्त सुविधाएं प्राप्त हों। इसलिए आर्थिक नियोजन द्वारा इन विभिन्न साधनों को उपयुक्त सुविधाएं दी जाती हैं ताकि उन समस्त साधनों से उचित प्रतिफल प्राप्त किया जा सके।

4. राष्ट्रीय आय एवं प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि - देश के निवासियों का जीवन स्तर ऊंचा करने के लिए आर्थिक नियोजन के तहत यह उद्देश्य सुनिश्चित किया जाता है कि देश की प्रति व्यक्ति आय और राष्ट्रीय आय में वृद्धि की जा सके।


5. साधनों का उचित उपयोग - आर्थिक नियोजन का एक उद्देश्य यह भी होता है कि देश में उपलब्ध सभी प्राकृतिक संसाधनों का उचित एवं सर्वोत्तम उपयोग कर न्यूनतम मूल्य पर वस्तुओं का उत्पादन किया जा सके।

6. आत्मनिर्भरता की प्राप्ति - आर्थिक नियोजन के तहत यह प्रयास किया जाता है कि देश अपने आप में एक आत्मनिर्भर देश बन सके। ताकि उसे अन्य देशों पर निर्भर न रहना पड़े।

7. आर्थिक समानता - आर्थिक नियोजन के तहत यह प्रयास किया जाता है कि देश में आर्थिक समानता स्थापित की जा सके। इसके लिए सरकार अमीरों पर टैक्स तथा गरीबों पर सार्वजनिक व्यय करके अर्थव्यवस्था में आर्थिक समानता लाने का प्रयास करती है।


8. ग़रीबी निवारण - आर्थिक नियोजन के प्रमुख उद्देश्यों में से एक प्रमुख उद्देश्य है गरीबी का निवारण। इसके लिए आर्थिक नियोजन की प्रक्रिया में गरीबों को रोज़गार देने और उनकी बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करने वाले कार्यक्रमों पर विशेष रूप से ज़ोर दिया जाता है।


(ब) सामाजिक उद्देश्य (Social Objectives)

1. सामाजिक सुरक्षा - आर्थिक नियोजन का उद्देश्य, देश में सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना भी होता है ताकि देश की जनता अधिक मेहनत व लगन से कार्य करके अधिकतम उत्पादन करने का प्रयास कर सके। सामाजिक सुरक्षा के अन्तर्गत सरकार, बीमारी, बेकारी, वृद्धावस्था, अकस्मात मृत्यु, उद्योग में उतार चढ़ाव के समय पेंशन, सामाजिक बीमा, चिकित्सा व्यवस्था, आश्रितों को लाभ आदि देकर सुरक्षा प्रदान करने का प्रयास किया जाता है।

2. जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण - जनसंख्या में लगातार वृद्धि, अल्पविकसित देशों के विकास में बाधा उत्पन्न करती है। यदि जनसंख्या वृद्धि की गति पर नियंत्रण न किया जाए तो आर्थिक विकास की गति रुक जाती है। इसलिए आर्थिक नियोजन के अन्तर्गत इस समस्याएं पर नियंत्रण करने के लिए आवश्यक प्रावधान भी किए जाते हैं।

3. अधिकतम सामाजिक लाभ - देश की जनता को अधिकतम सामाजिक लाभ प्राप्त हो सके, इसलिए आर्थिक नियोजन के तहत जनता के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, मनोरंजन से संबंधित विभिन्न योजनाएं चलाई जाती हैं। जिनका सीधा सीधा लाभ जनता को आसानी से मिल सके।



(स) राजनैतिक उद्देश्य (Political Objectives)

1. सुरक्षा - कोई भी देश, विदेशी आक्रमणों से अपनी सुरक्षा तभी आसानी से कर सकता है जब वह अपने आप में आर्थिक रूप से सशक्त हो। इसलिए आर्थिक नियोजन का एक उद्देश्य, देश को सुरक्षा की दृष्टि से शक्तिशाली बनाना भी होता है। इससे देश के आर्थिक विकास में भी मदद मिलती है।

2. रीति रिवाजों में परिवर्तन - आर्थिक नियोजन का उद्देश्य, देश के अंदर चल रहे रीति रिवाजों में परिवर्तन लाना भी होता है। ताकि आने वाली पीढ़ी का स्वास्थ्य एवं जीवन स्तर, विकसित अवस्थाओं के अनुकूल बन सके। इसके लिए शिक्षा प्रसार, सामाजिक प्रथाओं आदि में परिवर्तन करने का भरसक प्रयास किया जाता है।

FAQ :

Q : भारत में आर्थिक योजना के लिए योजना आयोग का गठन कब किया गया?
Ans : भारत में योजना आयोग (planning commission) का गठन 15 मार्च सन् 1950 को किया गया। जिसके प्रथम अध्यक्ष तात्कालीन प्रधानमंत्री प. जवाहलाल नेहरू थे।

Q : योजना की परिभाषा क्या है?
Ans : योजना से अभिप्राय है किसी भावी कार्य को निष्पादित करने का प्रस्तावित कार्यक्रम। यानि कि ऐसी रूपरेखा तैयार करना जिसमें उद्देश्यों की प्राप्ति तथा साधनों की उपलब्धता को देखते हुए देश की आर्थिक व सामाजिक उन्नति के लिए व्यूह रचना सुनिश्चित करना।

Q : अब तक कुल कितनी पंचवर्षीय योजनाएं पूरी की जा चुकी हैं?
Ans : अब तक कुल बारह पंचवर्षीय योजनाएं पूरी की जा चुकी हैं।

Q : आत्मनिर्भरता से आप क्या समझते हैं?
Ans : आत्मनिर्भरता का अर्थ है देश की घरेलू सीमा के अंदर उत्पादित वस्तुओं, विशेषकर खाद्यान्न पर निर्भर रहना।


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