राष्ट्रीय संपत्ति (National wealth) का अर्थ, राष्ट्रीय संपत्ति के अंग, राष्ट्रीय संपत्ति की विशेषताएं, National Wealth meaning in hindi
साधारणतः किसी दिए गए समय पर किसी देश में सभी मौद्रिक वस्तुओं का योग उस देश की सम्पत्ति अर्थात राष्ट्रीय संपत्ति (rashtriya sampatti) कहलाती है। इस दृष्टि से देखा जाए तो उस देश की भूमि तथा उसकी उर्वरता, खनिज संसाधन, फैक्ट्रियां, मशीनें, वस्तुओं का स्टॉक, भवन, निवासियों की व्यक्तिगत प्रतिभाएं आदि सभी को राष्ट्रीय सम्पत्ति (rashtriya sampatti) में शामिल किया जा सकता है।
राष्ट्रीय संपत्ति की गणना करते समय विदेशियों के पास देश की कंपनियों के बॉन्ड तथा बाह्य ऋणों को घटा दिया जाता है। तथा देशवासियों के पास विदेशी कम्पनियों के अंश या बॉन्ड की राशि को जोड़ दिया जाता है। हालांकि देश के अंदर व्यक्तियों के आपसी दायित्वों को राष्ट्रीय संपत्ति (rashtriya sampatti) में शामिल नहीं किया जाता है। क्योंकि इससे दोहरी गणना की संभावना बन जाती है।
इसलिए देश में कम्पनियों के अंश या ऋण पत्र आदि राष्ट्रीय सम्पत्ति में शामिल नहीं किए जाते हैं। दरअसल इन्हें व्यक्तिगत सम्पत्ति मान लिया जाता है। राष्ट्रीय संपत्ति का अभिप्राय (rashtriya sampatti ka abhipray) जानने के बाद, आइए जानते हैं कि किसी वस्तु में राष्ट्रीय संपत्ति (rashtriya sampatti) कहलाने के लिए क्या विशेषताएं होनी चाहिए?
राष्ट्रीय संपत्ति की विशेषताएं (Rashtriya sampatti ki visheshtayen)
किसी वस्तु में राष्ट्रीय संपत्ति (rashtriya sampatti) कहलाने के लिए निम्नलिखित विशेषताएं होनी चाहिए -
(1) उस वस्तु में उपयोगिता होनी चाहिए -
वह वस्तु उपयोगी होनी चाहिए क्योंकि वह वस्तु यदि उपयोगी नहीं होगी तो वस्तु को कोई भी ख़रीदना नहीं चाहेगा।
(2) उस वस्तु की मात्रा सीमित होनी चाहिए -
यदि वह वस्तु स्वतंत्र या सीमित है जैसे सूर्य का प्रकाश, वायु, नदी का जल आदि। तब तो कोई भी व्यक्ति ऐसी वस्तु के लिए कुछ भी चुकाना नहीं चाहेगा।
(3) वह वस्तु हस्तांतरणीय होनी चाहिए -
वह वस्तु हस्तांतरण करने योग्य होनी चाहिए। क्योंकि यदि वस्तु हस्तांतरणीय होगी तो कोई भी उसे प्राप्त करके अपने अधिकार में लेना नहीं चाहेगा।
(4) उस वस्तु का विनिमय मूल्य भी होना चाहिए -
यह तो साधारण सी बात है। क्योंकि उस वस्तु का विनिमय मूल्य नहीं होगा तो भला कोई भी व्यक्ति या उद्योगपति उस वस्तु या संपत्ति को कैसे अपने लिए ख़रीद पाएगा।
राष्ट्रीय संपत्ति के अंग (rashtriya sampatti ke ang)
राष्ट्रीय संपत्ति के प्रमुख अंग (rashtriya sampatti ke pramukh ang) निम्नलिखित हैं -
(1) प्राकृतिक संसाधन -
राष्ट्रीय संपत्ति के अन्तर्गत प्रकृति द्वारा प्रदान किए गए सभी निशुल्क साधनों को शामिल किया जाता है। जैसे- भूमि, वन, उर्वरता, पर्वत, पशु आदि। क्योंकि इन संसाधनों के लिए राष्ट्र को किसी प्रकार का कोई भुगतान नहीं करना पड़ता है।
(2) सार्वजनिक परिसंपत्ति -
राष्ट्रीय संपत्ति में सभी प्रकार की सार्वजनिक भौतिक परिसंपत्तियों जैसे - सड़कें, नहरें, भवन आदि सार्वजनिक परिसंपत्तियों को राष्ट्रीय संपत्ति में शामिल किया जाता है।
(3) श्रम शक्ति -
किसी भी देश के लिए मानव संसाधन अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। किसी देश की स्वस्थ व कुशल जनसंख्या उस देश की राष्ट्रीय संपत्ति का प्रमुख अंग होती है। उस देश की इसी जनसंख्या द्वारा किया गया श्रम, उत्पादन के लिए सर्वाधिक उपयुक्त एवं महत्वपूर्ण साधन होता है। इसलिए इसे राष्ट्रीय संपत्ति में शामिल किया जाता है।
(4) स्थिर पूंजी -
एक देश में मशीनें, उपकरण, परिवहन के साधन, संचार, विद्युत आदि उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस कारण इन आधारिक संरचनाओं में लगी पूंजी को राष्ट्रीय सम्पत्ति का अंग माना जाता है।
(5) स्टॉक -
स्टोरों में रखा तैयार माल, कच्चा माल, अर्धनिर्मित माल आदि के स्टॉक को भी राष्ट्रीय संपत्ति में शामिल किया जाता है।
हमारे भीतर हमारी राष्ट्रीय सम्पत्ति के प्रति प्रेम और संरक्षण की भावना होनी चाहिए। क्योंकि राष्ट्रीय सम्पत्ति सभी के उपभोग के लिए होती हैं। यह सुरक्षित है तो समझो राष्ट्र के लिए ये वस्तुएं सही मात्रा में उपलब्ध रहेंगी। अर्थात राष्ट्रीय संपत्ति की सुरक्षा करना हमारा दायित्व है।
उम्मीद है इस अंक के माध्यम से आपने राष्ट्रीय संपत्ति क्या है? (sampatti kya hai?) | राष्ट्रीय संपत्ति के अंग क्या हैं (rashtriya sampatti ke ang kya hain?) सरल शब्दों में जान लिया होगा। साथ ही यह भी जाना लिया होगा कि हमारी राष्ट्रीय संपत्ति कौन कौन सी है? (hamari rashtriya sampatti kaun kaun si hai?)
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