परिवहन क्या है? परिवहन के आर्थिक, सामाजिक व राजनीतिक महत्व क्या हैं? | Importance of transport in life in hindi

परिवहन का अर्थ वस्तुओं अथवा संपत्ति को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाने ले जाने से लगाया जाता है। परिवहन का आशय उन साधनों से है जिनके द्वारा मनुष्य या वस्तुएँ एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाये जाते हैं। परिवहन के अंतर्गत रेल, सड़क, जल तथा वायु परिवहन आते हैं।




परिवहन क्या है ट्रांसपोर्ट को जानने के लिए हम आपको बता दें कि आप सभी Covid-19 के समय लॉकडाउन (lockdown) की प्रक्रिया से गुज़र चुके हैं। आप अच्छी तरह जानते हैं कि lockdown में परिवहन व्यवस्था ठप्प हो जाने से सम्पूर्ण जन-जीवन किस तरह थम सा गया था। समस्त परिवहन तंत्र यानि कि सड़क परिवहन, रेल परिवहन, जल परिवहन, वायु परिवहन आदि को बंद देने से सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था अस्त-व्यस्त हो गयी थी। इससे साफ़ तौर पर आप समझ सकते हैं कि परिवहन का महत्व क्या है? Transport kya hai in hindi? आइये बिना देर किए हम परिवहन के महत्व (parivahan ke mahatva) को विस्तार से समझते हैं।


परिवहन का महत्व (Importance of transport in hindi)

किसी देश की अर्थव्यवस्था व जन-जीवन पर परिवहन (parivahan) का अत्यधिक प्रभाव पड़ता है। अर्थव्यवस्था में प्रत्येक क्षेत्र, जैसे कृषि, उद्योग, व्यापार आदि में परिवहन महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। परिवहन के महत्व (parivahan ke mahatva) का अध्ययन मुख्यतः तीन शीर्षकों के अंतर्गत किया जा सकता है-

(अ) आर्थिक महत्व (economic importance)
(ब) सामाजिक महत्व (social importance)
(स) राजनीतिक महत्व (political importance)

आइये इन तीनों ही शीर्षकों के अंतर्गत सम्मिलित किये जाने वाले विभिन्न महत्वों को निम्न बिंदुओं के माध्यम से जानने का प्रयास करते हैं। 


(अ) परिवहन के आर्थिक महत्व | Economic importance of transport in hindi


सामान्य जन-जीवन की दिनचर्या हो अथवा सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था ही क्यों न हो। आर्थिक विकास में परिवहन का महत्व स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। परिवहन के आर्थिक महत्व निम्न हैं।

(1) संसाधनों का महत्व- संसाधनों का कुशलतम प्रयोग बिना किसी परिवहन के संभव नहीं है। उद्योगों द्वारा बनाये गए कच्चे माल को औद्योगिक केंद्रों तक ले जाने और और उन्हीं औद्योगिक केंद्रों में निर्मित माल को उपभोक्ताओं तक पहुँचाने के लिए परिवहन के साधनों का विकास आवश्यक होता है।


(2) बाज़ार का विस्तार - किसी भी बाज़ार के विस्तार में परिवहन का अत्यंत ही महत्वपूर्ण योगदान होता है। वस्तुओं का अधिक से अधिक उत्पादन एवं उत्पादित वस्तुओं को दूरस्थ क्षेत्र के उपभोक्ताओं तक पहुँचाना परिवहन के बग़ैर  असंभव है। परिवहन के साधनों की मदद से ही शीघ्र नष्ट होने वाली वस्तुओं को दूर स्थित बाज़ारों तक आसानी से पहुँचाया जा सकता है। 

(3) श्रम की गतिशीलता - परिवहन के साधनों के कारण श्रमिकों व कर्मचारियों की गतिशीलता को बढ़ाने में विशेष मदद मिली है। परिवहन के कारण श्रमिक दूर-दूर के कक्षेत्रों में जाकर काम करने को तत्पर रहते हैं। उत्पादन हेतु श्रम की इस आपूर्ति से श्रम की कार्यकुशलता में वृद्धि होती है।

(4) औद्योगीकरण - परिवहन का विकास स्वयं भी औद्योगीकरण में सहायक होता है। औद्योगीकरण में कच्चा माल उद्योगों तक पहुँचाया जाता है। साथ ही उद्योगों में निर्मित माल उपभोक्ताओं तक पहुँचाया जाता है। आप अच्छी तरह जानते हैं हैं कि यह सब परिवहन के कारण ही संभव हो पाता है। परिवहन के कारण मोटर, रेल के इंजन व डिब्बे, पानी के जहाज़ आदि उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहन मिलता है। जिससे औद्योगीकरण को बढ़ावा मिलता है।


(5) कृषि का विकास - परिवहन का कृषि के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। अच्छे बीज, खाद, यंत्र आदि खेतों तक पहुँचाने एवं उपज को मंडी तक ले जाने में परिवहन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। कृषि में उत्पादन तभी बढ़ता है जब अच्छे से अच्छे साधन कृषि के लिए उपलब्ध हो पाते हैं। यदि मंडी में सही मूल्य मिले, तो किसान अधिक उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित होता है। 

(6) उपभोक्ताओं की संतुष्टि - परिवहन के विकास से एक महत्वपूर्ण सुविधा यह हुई है कि अब उपभोक्ता अपनी पसंद या उपभोग की वस्तुओं को देश व विदेश कहीं से भी वस्तु को मंगवा सकता है।

(7) क़ीमतों में स्थिरता - देश में क़ीमतों को स्थिर बनाये रखना हो तो परिवहन की भूमिका सर्वोपरि माना जाता है। किसी स्थान पर वस्तु की आपूर्ति कम हो जाने पर यदि उस वस्तु की क़ीमत बढ़ जाये तब इस स्थिति में दूसरे स्थान से उस वस्तु को लाकर उसकी बढ़ती क़ीमतों पर रोक लगाना, परिवहन के बग़ैर असंभव होता है।

इसी प्रकार, देश में किसी वस्तु की कमी हो जाने पर उसे दूसरे देशों से आयात किया जाना ताकि उस वस्तु की क़ीमतों को स्थिर रखा जा सके। इस प्रक्रिया में भी परिवहन की एक विशिष्ट भूमिका होती है।

(8) तीव्र आर्थिक विकास - जिस देश में परिवहन की सुविधा जितनी कुशल व विकसित होगी। वह देश उतना ही अधिक विकास कर पायेगा। सीधे शब्दों में कहा जाए तो कुशल व विकसित परिवहन के बिना किसी भी देश के आर्थिक विकास की कल्पना नहीं कि जा सकती।


(ब) परिवहन के सामाजिक महत्व | Social importance of transport in hindi

सामान्य जन-जीवन के हालातों पर नज़र डालें तो हम सामाजिक तौर पर परिवहन के महत्व को नकार नहीं सकते। ख़ासकर आज के समय में परिवहन के साधनों के बिना समाज की कल्पना करना असंभव है। परिवहन के सामाजिक महत्व निम्नलिखित है-

(1) जीवन स्तर में वृद्धि - मनुष्य यदि अपनी आवश्यकता की वस्तुओं केओ प्राप्त करने में सक्षम हुआ है तो उसका स्पष्ट कारण है परिवहन का उचित विकास। परिवहन का विकास ही मनुष्य के जीवन स्तर में वृद्धि का कारण होता है।


(2) ज्ञान में वृद्धि - जनसामान्य के ज्ञान में वृद्धि होने का श्रेय नोश्चित तौर पर हम परिवहन के समुचित विकास को दे सकते हैं। क्योंकि परिवहन के कारण ही आज ज्ञान प्राप्त करना यानि कि स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी जाकर शिक्षा प्राप्त करना पहले की तुलना आसान हो गया ह।

(3) अन्य लाभ - परिवहन एक ऐसा साधन है जिसके फलस्वरूप दूसरी जातियों, विभिन्न विचारों के तालमेल के साथ-साथ विदेशों से संपर्क स्थापित करने में भी सहायक है। इनसे विश्व बंधुता को बढ़ावा मिलता है। परिवहन के माध्यम से ही पर्यटन, धार्मिक यात्राओं, शैक्षणिक भ्रमण आदि में विकास होता है।


(स) परिवहन के राजनीतिक महत्व | Political importance of transport in hindi

देश के राजनीतिक क्षेत्रों की बात करें तो राजनितिक क्षेत्रों में भी परिवहन का महत्त्व होता है। राजनीति में परिवहन के महत्त्व (parivahan ke rajnitik mahatva)निम्न हैं -
 
(1) देश की सुरक्षा एवं शांतिदेश की सुरक्षा एवं शांति बनाये रखने के लिए परिवहन का विशेष महत्व होता है। सकुशल परिवहन के माध्यम से ही सीमाओं पर सैनिकों, हथियार, खाद्य सामग्री आदि को पहुँचाना सम्भव हो पाता है। देश में कहीं भी अशांति की स्थिति हो तो उस जगह पर फ़ौरन सुरक्षा बलों को परिवहन के माध्यम से तैनात किया जाता है।

(2) राजस्व की प्राप्ति - सरकार को वैसे तो विभिन्न क्षेत्रों से राजस्व की प्राप्ति होती है। साथ ही परिवहन के साधनों से भी सरकार को विभिन्न करों के रूप में राजस्व की प्राप्ति होती है।

(3) रोज़गार में वृद्धि - परिवहन ही एक ऐसा साधन है जिसके माध्यम से बेरोज़गार लोग कार्यकुशलता के अनुसार विभिन्न स्थानों पर जाकर रोज़गार प्राप्त करते हैं।


उपरोक्त बिंदुओं को जानने के बाद स्पष्ट रूप से यह कहा जा सकता है कि परिवहन दैनिक जीवन से लेकर सम्पूर्ण संरचना का आधारभूत अंग है। इसके बग़ैर कुशलतम अर्थव्यवस्था की कल्पना करना असंभव है। 

उम्मीद है यह अंक "परिवहन क्या है? परिवहन के आर्थिक, सामाजिक व राजनीतिक महत्व क्या हैं?" आपके अध्ययन में अवश्य सहायक साबित होगा। यदि किसी विशेष टॉपिक पर जानकारी चाहते हों तो आप नीचे comment box में बता सकते हैं। उस टॉपिक पर जानकारी उपलब्ध कराने का मेरा पूरा प्रयास होगा।

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