सामान्य तौर पर देखा जाए तो बाज़ार एक ऐसी व्यवस्था है जहां क्रेता एवं विक्रेता क्रय व विक्रय करने का कार्य करते हैं। बाज़ार में कभी पूर्ति तो कभी मांग की स्थितियों में परिवर्तन होता रहता है। इस अंक में आज हम बाज़ार में उत्पन्न होने वाली ऐसी ही दो परिस्थितियों पूर्ण प्रतियोगिता एवं एकाधिकार के बीच अंतर क्या है? जानेंगे।
पूर्ण प्रतियोगिता, बाज़ार की वह स्थिति होती है, जहां भारी संख्या क्रेता और विक्रेता एक ही प्रकार की वस्तु के क्रय विक्रय में लगे रहते हैं। वे आपस में निकट संपर्क में भी होते हैं। जिस कारण बाज़ार उन्हें बाज़ार का पूर्ण ज्ञान होता है।
एकाधिकार, बाज़ार की वह स्थिति होती है, जहां एक वस्तु का केवल एक ही विक्रेता होता है। जिस कारण वस्तु की पूर्ति पर उसका पूरा नियंत्रण होता है। उस वस्तु की कोई भी निकटतम स्थानापन्न वस्तु नहीं होती है।
पूर्ण प्रतियोगिता और एकाधिकार में अंतर (purn pratiyogita aur ekadhikar me antar)
पूर्ण प्रतियोगिता और एकाधिकार के बीच अंतर (purn pratiyogita bazar aur ekadhikar bazar ke bich antar) निम्नलिखित है -
पूर्ण प्रतियोगिता | एकाधिकार |
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1. पूर्ण प्रतियोगिता में अनेक विक्रेता होते हैं। जिस कारण पूर्ति पर उनका नियंत्रण नहीं होता है। | 1. एकाधिकार में एक विक्रेता होता है। तथा विक्रेता। कपुरती पर पूरा नियंत्रण होता है। |
2. इसमें नई फर्मों को उद्योग में प्रवेश करने या उद्योग को छोड़कर जाने की पूर्ण स्वतंत्रता होती है। | 2. इसमें नई फर्मों के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध होता है। अर्थात इसमें प्रवेश के लिए प्रभावपूर्ण रुकावटें होती है। |
3. इसमें अनेक फर्में होती है। अतः ये फर्में, उद्योग से क़ीमतें स्वीकार करने वाली होती हैं। ना कि मूल्य निर्धारक। | 3. इसमें फर्म या उद्योग एक ही होते हैं। अतः इसमें एकाधिकारी, वस्तुओं का मूल्य निर्धारक होता है। फर्म या उद्योग क़ीमत निर्धारक होता है। |
4. पूर्ण प्रतियोगिता में समरूप वस्तुएं पाई जाती हैं। | 4. एकाधिकार में वस्तु विभेद पाया जाता है। |
5. पूर्ण प्रतियोगिता में एक ही मूल्य होता है। यानि कि विक्रेताओं से वस्तुओं की एक ही क़ीमत। ली जाती है। | 5. एकाधिकार में मूल्य विभेद पाया जाता है। यानि कि वस्तुओं की कई क़ीमतें प्रचलित होती हैं। |
6. समरूप वस्तुओं का उत्पादन होने के कारण बाज़ार में पूर्ण स्थानापन्न वस्तुएं उपलब्ध रहती हैं। | 6. एकाधिकार में, एकाधिकारी के वस्तुओं की कोई भी निकटतम स्थानापन्न वस्तुएं बाज़ार में नहीं दिखाई देती। |
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