पूर्ति और स्टॉक में क्या अंतर है? स्पष्ट कीजिए | Difference between Supply and Stock in hindi

पूर्ति और स्टॉक (Purti aur stock) - [पूर्ति का क्या आशय है | स्टॉक का क्या आशय है | पूर्ति और स्टॉक में अंतर]


पूर्ति और स्टॉक में अंतर

सामान्य तौर पर देखा जाए तो पूर्ति और स्टॉक (purti aur stock) शब्द को हम एक ही रूप में प्रयोग करते हैं। जबकि आर्थिक विश्लेषण की नज़र से देखने पर पता चलता है कि इन दोनों के अर्थ अलग-अलग हैं। आज के इस अंक में हम पूर्ति और स्टॉक में क्या अंतर है (purti aur stock me kya antar hai?) स्पष्ट शब्दों में जानेंगे।

पूर्ति का अर्थ (purti ka arth), किसी वस्तु की उस मात्रा से है जो किसी निश्चित समय में, किसी बाज़ार में, एक निश्चित क़ीमत में बिक्री के लिए तैयार हो। अर्थात किसी वस्तु की पूर्ति तभी कहलाती है जब वह एक निश्चित क़ीमत तथा निश्चित समय में बिकने के लिए उपलब्ध हो। 


उदाहरण के लिए कोई उत्पादक किसी विशेष दिन, 4000 क्विंटल गेहूं, ₹ 250 प्रति क्विंटल की क़ीमत पर बाज़ार में उपलब्ध करा दे। तो इस कथन में आप देखेंगे कि इसमें एक निश्चित क़ीमत एवं निश्चित समय का उल्लेख किया गया है।

स्टॉक का अर्थ (stock ka arth), किसी वस्तु की उस मात्रा से है जो किसी उत्पादक के पास उपलब्ध हो। वह उस उस मात्रा को किसी निश्चित कीमत व निश्चित समय में, किसी बाज़ार में बेचने के लिए बाध्य न हो।

उदाहरण के लिए किसी उत्पादक के पास, उसके गोदाम में 9000 क्विंटल गेहूं रखा हो। किन्तु वह सही समय व सही क़ीमत मिलने पर ही अपने गोदाम (godown) के स्टॉक में से, कुछ क्विंटल यानि कि एक निश्चित मात्रा में गेहूं, बाज़ार में बेचने के लिए तैयार हो।



पूर्ति और स्टॉक में अंतर (purti aur stock me antar)


पूर्ति (Supply) स्टॉक (Stock)
1. पूर्ति का अर्थ, किसी वस्तु की उस मात्रा से है, जिसे कोई विक्रेता किसी निश्चित क़ीमत पर एक निश्चित मात्रा में बेचने को तैयार रहता है।                                       1. स्टॉक का अर्थ, किसी वस्तु की कुल मात्रा से है, जो कि किसी उत्पादक के पास उपलब्ध होती है।                                                                                                             
2. पूर्ति के लिए किसी एक निश्चित क़ीमत व समय का उल्लेख करना आवश्यक होता है। 2. स्टॉक के लिए किसी भी क़ीमत या समय  उल्लेख आवश्यक नहीं है।
3. पूर्ति, स्टॉक तथा क़ीमत दोनों पर निर्भर करती है। 3. स्टॉक केवल उत्पादन पर निर्भर करता है।
4. पूर्ति की धारणा, एक संकुचित धारणा होती है। 4. स्टॉक की धारणा एक विस्तृत धारणा होती है।
5. पूर्ति, स्टॉक से कभी भी अधिक नहीं हो सकती। 5. स्टॉक, पूर्ति से अधिक हो सकता है। 
6. पूर्ति, स्टॉक के बाद हो उपलब्ध की जा सकती है। 6. स्टॉक, पूर्ति के पहले ही किया जाता है।
7. पूर्ति, क़ीमत के साथ साथ परिवर्तित होती है। 7. किसी भी वस्तु के लिए स्टॉक स्थिर होता है।
8. यदि कोई विक्रेता ₹ 500 प्रति क्विंटल की क़ीमत पर बाज़ार में 2000 क्विंटल गेहूं बेचने का मन बना लेता है। तो 2000 क्विंटल गेहूं को उस वस्तु की पूर्ति कहेंगे। 8. यदि विक्रेता के पास 5000 क्विंटल गेहूं उपलब्ध है। जिसे वह कभी भी बेचने का मन बना सकता है। तो यही 5000 क्विंटल गेहूं उस वस्तु का स्टॉक कहलाएगा।

उम्मीद है इस लेख को पढ़कर आप पूर्ति एवं स्टॉक में अंतर (purti evam stock me antar) क्या है? आप अच्छी तरह जान चुके होंगे। अर्थशास्त्र संबंधी ऐसे ही और भी टॉपिक्स पर आर्टिकल पढ़ने के लिए बने रहिए हमारी वेबसाइट www.studyboosting.com के साथ।

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